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गोण्डा डिपो में तैनात महिला परिचालिका ने क्षेत्रीय प्रबंधक पर लगाया गंभीर आरोप, नोकझोक के दौरान किया कारनामे का जिक्र

आर के गिरी

गोण्डा : जहाँ एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान चलाकर अपने को बेदाग साबित करने का दावा कर रही है और  महिला अपराध पर नियन्त्रण की बात कर रही हैं 


वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कुछ जिम्मेदार अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल करने में कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। 


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इसका ताजा और प्रत्यक्ष उदाहरण ढाबा संचालकों और परिवहन विभाग के बीच सांठगांठ की वजह से उपजे सनसनीखेज मामले का है। जिसमें गोण्डा डिपो में तैनात एक महिला परिचालिका द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्धक पर बड़ा आरोप लगाते हुये उत्पीड़न की बात कही गयी है।



 पूरा मामला जनपद बाराबंकी के रामनगर स्थित एक अनुबंधित ढाबे से जुड़ा है। मिल रही जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा ढाबा संचालकों से मोटी रकम लेकर चालको व परिचालकों को ढाबों पर बसों रोकने के लिये दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने वाले चालको व परिचालकों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के साथ-साथ उन्हें विभागीय कार्यवाही का खौफ दिखाया जा रहा है। यात्रियों का आरोप है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सरकारी बसों का ढाबों पर जबरन ठहराव करवा रहे हैं।



 जिसके चलते यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुँचने में काफी बिलम्ब होता है। इतना ही नही परिवहन विभाग के अनुबंधित ढाबों पर बहुत घटिया खाद्य पदार्थों को परोसने व मनमानी कीमत वसूलने के भी आरोप है।



 यात्रियों द्वारा विरोध करने पर ढाबा संचालक द्वारा उनसे अभद्रता करने की भी बात सामने आई है। जिसका खामियाजा गोण्डा डिपो में तैनात महिला परिचालिका को भुगतना पड़ रहा है।



 मामला 5  दिसम्बर का है जब यात्रियों ने ढाबे की खराब व्यवस्था के चलते वहाँ बस नहीं रुकने दिया तो विभागीय अधिकारियों ने आगे जाकर उसकी बस रुकवा कर चेकिंग के दौरान खरी-खोटी सुनाई और सार्बजनिक रूप से अपमानित किया।



 महिला के काफी गिड़गिड़ाने के बाद भी उसे विभागीय कार्यवाही का धौंस दिया गया। जब यात्रियों ने महिला परिचलिका का बचाव करना चाहा तो अधिकारियों द्वारा उन्हें भी सरकारी कार्य में बाधा डालने की धमकी दी गयी।



 इस दौरान विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली से क्षुब्ध परिचलिका नेहा मिश्रा रोती चिल्लाती रही और भावुकता वश उसने नौकरी छोड़ने की भी बात कह डाली। 



पीड़ित महिला परिचलिका नेहा मिश्रा ने आरोप लगाते हुये बताया कि  परिवहन विभाग के अनुबंधित ढाबे यात्रियों पर बस न रोकने पर अधिकारियों ने मुझे बहुत परेशान किया,मेरा वेबिल ले लिया गया जिसके चलते उसे कैश जमा करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।



 महिला परिचालिका सुश्री नेहा मिश्रा ने इसके लिये सीधे क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा व एक टीआई पर गम्भीर आरोप लगाते हुये प्रताड़ना का आरोप लगाया है। 



चूँकि मामला विभाग के बड़े अधिकारी से जुड़ा है,ऐसे में विभाग इस प्रकरण को कितनी गम्भीरता से लेगा ? और क्या कार्यवाही होगी ? यह आमजन मानस में चर्चा का विषय बना हुआ है। 



जब इस मामले में मीडिया द्वारा आरएम प्रभाकर मिश्रा से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। लोगों का कहना है कि यदि मामले की निष्पक्ष जाँच करायी गयी तो बड़ा खुलासा हो सकता है।

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