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मोतीगंज पुलिस की मिलीभगत से काटे जा रहे प्रतिबंधित वृक्ष

सूचना पर पहुंचे वन रक्षक ने की कार्रवाई, काटा जुर्माना

ए. आर. उस्मानी

गोण्डा। लकड़ी माफिया निरंकुश होकर दिनदहाड़े क्षेत्र की हरियाली उजाड़ कर खुलेआम प्रतिबंधित वृक्ष की कटान करके लकड़ी का व्यापार कर रहे हैं, लेकिन इलाकाई पुलिस इस पर प्रतिबंध नहीं लगाने के बजाय इस गोरखधंधे से अनजान बनी हुई है।

    

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मोतीगंज थाना क्षेत्र के बेसहूपुर टेड़िया-जानकीनगर गांव के मध्य स्थित तालाब के पास हरे आम के पेड़ों को ठेकेदार माजिद चौधरी ने पुलिस की मिलीभगत से बगैर परमिट के काट लिया। 


इसकी जानकारी जब वन विभाग को हुई तो क्षेत्र के वन रक्षक देवनरायन पाण्डेय तत्काल मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक ठेकेदार लकड़ी ले जा चुका था। 


इस पर उन्होंने माप लेकर आवश्यक विभागीय कार्रवाई की, जबकि शिकायत के बाद भी पुलिस हरकत में नहीं आई। 


बताते हैं कि मोतीगंज क्षेत्र में कई लोग अवैध रूप से लकड़ी के कारोबार से जुड़े हैं। पूरे क्षेत्र में प्रतिबंधित वृक्ष आम, जामुन, नीम, शीशम, सागौन आदि की बिना रोक टोक कटाई व बिक्री करके लाखों रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं। 


क्षेत्र में प्रतिदिन इलाकाई पुलिस की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर शीशम, सागौन, आम आदि प्रजाति के वृक्षों का बगैर परमिट के सफाया किया जाता है। इस काले कारोबार में स्थानीय थाने की पुलिस की भी संलिप्तता रहती है।

    


बेसहूपुर टेड़िया में अवैध रूप से काटे गए आम के पेड़ों की शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह बात साफ हो जाती है कि इसमें पुलिस की संलिप्तता थी। 


हालांकि सूचना मिलते ही वन विभाग हरकत में आया और क्षेत्र के वन रक्षक डीएन पाण्डेय ने पेड़ों के बूट का माप लेकर जुर्माना किया है। 


श्री पाण्डेय ने बताया कि क्षेत्र में पेड़ों के अवैध कटान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है। उन्होंने बताया कि बेसहूपुर टेड़िया में ठेकेदार द्वारा चोरी से बगैर परमिट जारी कराए पेड़ों की कटान की गई है जिस जुर्माना की कार्रवाई की गयी है।

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