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सही इलाज और देखभाल से ठीक हो सकता है नवजात का पीलिया


अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर:नवजात शिशुओं में पीलिया सही देखभाल और इलाज से ठीक हो सकता है। 


समय से जन्मे शिशु और समय से पहले जन्मे शिशु में क्लीनिकल पीलिया होने की आशंका रहती है। 


थोड़ी सी सतर्कता और समय पर उपचार से यह रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है, इसलिए नवजात को यदि पीलिया हुआ है तो उसका झाड़-फूंक नहीं उपचार कराएं। 


ध्यान रहे कि झाड़-फूंक नवजात के लिए जानलेवा भी हो सकता है।


जिला महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ व एसएनसीयू वार्ड (न्यू सिक बोर्न केयर यूनिट) के प्रभारी डा. महेश वर्मा ने बताया कि पीलिया किसी भी उम्र में हो सकता है। 


बड़ों में यह रोग संक्रमण के चलते होता है जबकि नवजात में यह रोग अलग-अलग कारणों से होता है। नवजात में रोग से लड़ने की क्षमता काफी कम होती है। 


नवजात को पीलिया अधिक दिनों तक रहने से उसका हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और वह कोमा में भी जा सकता है। 


समय से उपचार नहीं होने से उसका रोग गंभीर रूप लेकर जानलेवा भी हो सकता है।


डा. महेश वर्मा ने बताया कि बीते दो साल के भीतर एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट) में भर्ती 5385 नवजात शिशुओं में 245 को पीलिया रहा है। सभी का सफलतापूर्वक इलाज करके उन्हे डिस्चार्ज किया गया है। 


ये हैं नवजात में पीलिया के कारण

डा. महेश ने बताया कि नवजात में पीलिया दो तरह का होता है। पहला पैथोलाॅजिकल पीलिया व दूसरा फिजियोलाॅजिकल पीलिया। 


पैथोलाॅजिकल पीलिया के लक्षण बच्चों के जन्म के 24 घंटे के भीतर नजर आने लगते हैं और इसके इलाज की जरूरत होती है जबकि फिजियोलॉजिकल पीलिया के लक्षण बच्चे के जन्म के 24 से 72 घंटे बाद नजर आते हैं। यह पांच से सात दिनों तक बढ़ता है। इसमें उपचार की जरूरत नहीं होती है। 


नवजात शिशु में पीलिया होने के कारण कई है, इनमें बच्चे के खून में बिलिरुबिन सेल्स की अधिकता एक बड़ा कारण होती है। 


मां और बच्चे के ब्लड ग्रुप का अलग अलग होना भी पीलिया का कारण हो सकता है। इसके अतिरिक्त किसी संक्रमण के चलते भी नवजात को पीलिया होने की काफी संभावना रहती है। 



बच्चों में ये हैं पीलिया के लक्षण 
पीलिया होने पर शुरू में शिशु का चेहरा पीला होने लगता है। उसकी आंखें भी पीली हो जाती है। शिशु के नाखून पीले पड़ने लगते हैं। 


उसके त्वचा का रंग भी ज्यादा पीला दिखने लगता है। पीलिया के लक्षण नजर आने के बाद उसके उपचार में हुई देरी नवजात के लिए नुकसानदेह हो सकती है, 


इसलिए शिशु में पीलिया के लक्षण दिखे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि शिशु को पीलिया से होने वाली समस्याओं से बचाया जा सके।

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