वेद व्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़! दिन हो या रात - चाइल्डलाईन है साथ, इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया चाइल्डलाईन 1098 ने, जहाँ चलती ट्रेन में एक बच्चे को चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई गयी।
हुआ यूँ कि बलिया निवासी एक परिवार अपने 9 माह के एक बच्चे के साथ काशी विश्वनाथ ट्रेन के एस-1 मे वाराणसी से दिल्ली के लिए यात्रा कर रहा था।
मुंगरा बादशाहपुर के पास ट्रेन में बच्चे की तबियत अचानक खराब हो गयी और उस उल्टी-दस्त होने लगी। बच्चे के पिता को किसी सहयात्री ने चाइल्डलाईन. -1098 पर काल कर मदद मांगने की सलाह दी।
फिर क्या था इतने मे चाइल्डलाईन -1098, प्रतापगढ़ के फोन की घंटी घनघना उठी और बच्चे के पिता ने रोते हुए ट्रेन में ही बेटे को बचाने की मदद मांगी।
सूचना मिलते ही समन्वयक अर्पित श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रतापगढ़ की चाइल्डलाईन टीम सक्रिय हुई और डॉक्टर की सलाह पर जीआरपी की मदद से बच्चे को ट्रेन की बोगी में ही चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई गयी।
इस दौरान ट्रेन प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन पर काफी देर खड़ी रही और बच्चे के उपचार व दवा देने के बाद रवाना हुई।
इस इमरजेंसी मदद पाकर परिवार ने चाइल्डलाईन का हाथ जोड़कर आभार व्यक्त किया।
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