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यूपी में मकान बनवाने वालों के सामने गहराएगा ईंटों का संकट

 


राजकुमार शर्मा 

बहराइच। कोयलों की कीमतों में दो सौ से तीन सौ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी और जीएसटी बढ़ाए जाने पर ब्रिक फील्ड एसोसिएशन ने लिया निर्णय। एक वर्ष बंद रहेंगे प्रदेशभर के भट्ठे। 


कहा समस्याओं को केंद्र एवं राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए एसोसिएशन ने देशभर में हड़ताल करने का निर्णय लिया है। 


यूपी में मकान बनवाने वालों के सामने गहराएगा ईंटों का संकट। एक वर्ष बंद रहेंगे प्रदेशभर के ईंट भट्ठे यूपी में अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक बंद रखने और देश में हड़ताल करने का निर्णय लिया है। 


काेयले के दामों में दो सौ से तीन सौ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी , लाल ईंटों के सरकारी/अर्द्ध सरकारी निर्माण कार्यों में आंशिक पाबंदी और जीएसटी दर आईटीसी क्लेम न करने पर एक से बढ़ाकर छह प्रतिशत करने का लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन ने विरोध किया है। 


समस्याओं को केंद्र एवं राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए एसोसिएशन ने अक्टूबर से सितंबर 2023 तक ईंट भट्ठे बंद रखने और देश में हड़ताल करने का निर्णय लिया है। 


ऐसे में मकान बनवाले वालों के सामने ईंटों का संकट भी गहराएगा। पत्रकारों से बातचीत में एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ में दो सौ और प्रदेश में 19 हजार भट्ठे हैं। 


उन्होंने कहा कि जीएसटी दर आईटीसी क्लेम न करने पर एक से बढ़ाकर छह प्रतिशत और आईटीसी क्लेम करने की दशा में 05 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है। 


थ्रेसहोल्ड लिमिट को 40 लाख से घटाकर 20 लाख किया गया है।

भट्ठों को जिगजैग तकनीक में परिवर्तित करने के लिए एक वर्ष का समय दिया गया है। 


ईंट-मिट्टी निकासी/पगमेल मशीन में मिट्टी डालने में जेसीबी प्रयोग के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। 


केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष कई बार समस्याएं रखी गईं मगर कोई हल नहीं निकला। आठ मार्च को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। महामंत्री मुकेश मोदी ने कहा कि 20-21 में कोयले की कीमत आठ से नौ हजार रुपये प्रति टन थी और 21-22 में बढ़कर 18 से 20 हजार हो गई है। विदेश से आने वाला कोयला काफी महंगा है। 


आरोप लगाया कि सीमेंट के ईंट बनाने वालीं बहुराष्ट्रीय कंपनियां लाल ईंट के उद्योग को खत्म करना चाहती हैं। 


इस दौरान संरक्षक प्रमोद चौधरी , जेपी नागपाल , कोषाध्यक्ष ताराचंद्र यावद , सहमंत्री सुशील चंदानी , शैलेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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