रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। कोतवाली क्षेत्र की एक महिला ने उत्पीड़न को लेकर मानवाधिकार आयोग की शरण ली है।
जिसमें कोतवाली के दो दरोगा एवं एक सिपाही पर उत्पीड़न का गम्भीर आरोप लगाया गया है। कोतवाली करनैलगंज क्षेत्र के ग्राम नारायनपुर माझा के निवासी महिला गुड़िया देवी पत्नी अशोक कुमार का कहना है कि उसने एक जमीन का बैनामा लिया था।
जिसके भूखंड पर वह झोपड़ी बनाकर रह रही थी। उस जमीन पर कुछ दबंग लोग जबरन कब्जा करने का प्रयास करने लगे। जिसकी शिकायत पुलिस से की गई।
मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही किया, बल्कि दरोगा अमर सिंह ने भूमि को विवादित व शांतिभंग होने की आशंका दिखाकर रिपोर्ट लगाकर कुर्की की कार्रवाई करा दिया।
मौके पर कुर्की के आदेश का अनुपालन करा दिया। उसकी जमीन व उसकी एक भैंस को दूसरे के सुपुर्द किया गया। वह पड़ोस के एक व्यक्ति के यहां रहने लगी।
जब कुर्की के विरुद्ध वह शिकायत करने उच्चाधिकारियों के पास गई तो 19 जून को दरोगा अमर सिंह, अंकित सिंह व सिपाही रामवीर ने उसके घर में रखा सामान तोड़-फोड़ दिया।
उसके विरोध करने पर उसके साथ अभद्रता की गई और गांव में नँगा घुमाने की धमकी दी गई। आये दिन दरोगा द्वारा उसे धमकी व गाली देकर अपमानित किया जा रहा है।
महिला ने एसपी, डीआईजी सहित तमाम अधिकारियों के साथ ही मानवाधिकार आयोग की शरण ली है।
इस संबंध में दरोगा अमर सिंह का पक्ष लेने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया तो उनका फोन स्विच ऑफ था।
तो वहीं दरोगा अंकित सिंह का कहना है आरोप निराधार है, कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की गई थी।
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