बीपी त्रिपाठी
गोण्डा:मुज़ेहना ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत तेंदुआ मोहिनी स्थित कम्पोजिट विद्यालय में केवल तहड़ी खिलाये जाने को ले कर नन्हें बच्चों का एक विडियों खबर वायरल होने के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक का पक्ष लेते हुए शिक्षक दीपक श्रीवास्तव ने बताया की एम.डी.एम संचालन में लापरवाही की शिकायतों पर स्कूलों के प्रधानाध्यापक दोषी ठहराए जाते हैं।
जबकि विभाग की उदासीनता के कारण बच्चों को नियमानुसार एम.डी.एम देने में बाधा उतपन्न होती है,
उन्होंने कहा की कोई शिक्षक अपने नन्हे छात्रों का पेट कतई नही काटेगा, इस सन्दर्भ में विभागीय सिस्टम पूरी तरह जिम्मेदार है।
एमडीएम संचालन में होने वाली समस्याओं को ले कर 10 अगस्त को राष्ट्रीय शैक्षिकसंघ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर समस्याओं का निस्तारण कराने की मांग की है।
जिसमे कहा गया है की कन्वर्जन कास्ट जनपद स्तर से विद्यालयों के खाते में ससमय कभी नही भेजी जाती जिससे शिक्षकों को एमडीएम का नियमानुसार संचालन कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है,
एक मार्च 2022 के बाद विद्यालयों को खाद्यान उपलब्ध नही कराया गया है जबकि अप्रैल माह से लगातार एमडीएम का संचालन स्कूलों में किया जा रहा है,
जनपद के सभी स्कूलों में खाद्यान के अभाव में एमडीएम का संचालन ठप होने के कगार पर है, रसोइयों के मानदेय का भुगतान करीब पांच महीनो से नही किया गया है
जिससे अल्प मानदेय रसोइया भुखमरी के कगार पर है, विगत दो सत्र से स्कूलों में रसोइयों के चयन पर कोई कार्यवाही नही की गयी है जबकि इस दौरान स्कूलों में छात्रों की संख्या में 20 से 25 फीसदी इजाफा हुआ है ।
संख्या बृद्धि के बाद अतिरिक्त रसोइये की आवश्यकता है, अमृत महोत्सव के दौरान सभी स्कूलों में विशेष भोज की ब्यवस्था किये जाने का आदेश 3 अगस्त को जारी किया गया था।
किन्तु विशेष भोज के लिए अतिरिक्त बजट की ब्यवस्था नही की गयी जिसके कारण शिक्षकों को चार रूपये 97 पैसे में मीनू के अनुसार सामान्य भोजन बनवाने में ही अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
प्रतिमाह शिक्षकों द्वारा बी.आर.सी पर एमडीएम का उपभोग उपलब्ध कराया जाता है, बीआरसी स्तर पर कम्प्यूटर आपरेटर नियुक्त है ।
उनके द्वारा ससमय ऑनलाइन फीडिंग की जानी चाहिए किन्तु उनके द्वारा समय पर फीडिंग न किये जाने से शिक्षकों को अनवाश्यक कार्यवाही का सामना करना पड़ता है,
इन सभी समस्याओं निस्तारण कराये जाने की मांग की गयी है, जिससे एमडीएम का संचालन सुदृण हो और प्रधानाध्यापकों पर लगने वाले लांछन से बचा जा सके।
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