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BALRAMPUR:अमर शहीदों की सम्मान में कवि सम्मेलन का आयोजन




अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के एमएलके पीजी कॉलेज सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत वीर शहीदों की स्मृति में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में कवियों ने मां भारती का गुणगान करते हुए अमर शहीदों को नमन किया।




जानकारी के अनुसार कवि सम्मेलन का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जे पी पाण्डेय, नोडल अधिकारी डॉ राजीव रंजन, सी एम एस डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव व डॉ अरुण प्रकाश पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। प्राचार्य प्रो0 पाण्डेय ने सभी कवियों का माल्यार्पण एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश की आज़ादी में कवियों का विशेष योगदान रहा है। 



कवियों ने अपने ओजस्वी रचनाओं से एक क्रांति ला दी थी। मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ आशीष लाल, डॉ आलोक शुक्ल, डॉ राम रहीस व डॉ रमेश शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि नोडल अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने किया। 


कार्यक्रम के दौरान आतिफ हुसैन को विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कवि अवधेश प्रताप सिंह समीर ने - स्वर्ग से सुंदर अपनी धरती नंदन वन हर ठांव, मितवा तेरा मन जब ऊबे आना मेरे गांव कविता पढ़कर कवि सम्मेलन की शुरूआत की। साध्वी द्विवेदी ने पढ़ा कि- शत नमन है सदा ही उनके लिए, जो शहीद हुए हैं वतन के लिए। सीएमएस डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने पढ़ा कि- ये मेरी माँ का आँचल है लजाने हम नहीं देंगें,पिया जो माँ का पय हमने गवांने नहीं देंगे,वतन के ही लिए जीना वतन के ही लिए मरना,तिरंगा माँ का परचम है झुकाने हम नहीं देंगें।



 डॉ अनिल गौड़ ने पढ़ा कि -जिंदगी जंगजू हो गयी सारी धरती लहू हो गई- चाक दामन थी इंसानियत शायरी से रफू हो गई। आशीष कुमार वर्मा ने रचना पढ़ी- राहें इतनी कठिन भी नहीं- हौसलों से बड़ी हो सके। अरमान रजा ने पढ़ा कि- हर एक मजहब के लोगों की फ़कत इंसान लिख देंगे,वतन के जानिसारी को वतन की शान लिख देंगें। दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने पढ़ा कि- धर्म जाति से बढ़कर करें सभी देश की भलाई-स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की बधाई।



 तबस्सुम मुशाहिदी ने पढ़ा कि- हर घर पे लहराए तिरंगा है गांधी का ऐलान-सजा दो सारा हिंदुस्तान सज़ा दो सारा हिंदुस्तान। शाद बलरामपुरी ने पढ़ा कि- साधु-संत, पीर व फकीर जिनका करें गुणगान-अनेकता में एकता, भारत की पहचान । इसके अतिरिक्त अनवर मुज़्तर, तजम्मुल हुसैन, नासिर बलरामपुरी,शहाब बलरामपुरी, राम अक्षयवर विश्वकर्मा , रहीम चिश्ती व शिवम सिंह ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत कर शहीदों को नमन किया।

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