गौरव तिवारी
खबर प्रतापगढ से है जहां नगर के अति समीप का गाँव भंगवा जहाँ से रेलवे स्टेशन प्रतापगढ की दूरी लगभग 1 किमी मात्र है, बारिश के होने के कारण तथा रेलवे सुर्खी साइडिंग के कारण भगवा गांव जाने वाली सड़क पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गई है।
इस रास्ते से होकर पृथ्वीगंज नगर पंचायत तथा हवाई अड्डे के पास के लगभग 40 गाँव के ग्रामीण प्रतिदिन इसी रास्ते से होकर गुजरते हैं किंतु आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद इस मार्ग का निर्माण रेलवे फाटक से भंगवा गाँव तक नहीं हो सका।
इससे पहले यहाँ सुर्खी साइडिंग पर कोयले की रैक लगती थी जिससे सैंकडो ग्रामीण दमे के मरीज हो गये।
ग्राम वासियों के डी आर एम के समक्ष धरना प्रदर्शन करने से वहाँ कोयले की रैक लगना बंद हुई किंतु एक नयी रेलवे लाइन बिछाने के उपक्रम में संवेदनहीन रेलवे प्रशासन ने सदियों से स्थापित मार्ग की उपेक्षा करते हुए इस मार्ग को तालाब जैसा बना दिया है ईधर से होकर पैदल भी चल पाना संभव नहीं है।
भंगवा के अतिरिक्त संडारी, खजुर्नी, बोधी पांडे का पुरवा, कीनापुर, जोगापुर, शिवपुर तथा पूरे मोहन, रामपुर गौरी आदि गाँवों के लोगों ने सैकडो बार रेलवे प्रशासन को प्रार्थना पत्र दिया किंतु सभी प्रयास निष्फल रहे।
ज्ञातव्य है कि साँसद संगम लाल गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस समस्या का समाधान ढूँढने की पहल किये थे किंतु अभी तक उसके सार्थक परिणाम सामने नहीं आए हैं।
जबकि साँसद के अनुसार प्रयागराज अयोध्या राजमार्ग पर स्थित तिलक इंटर कालेज के सामने से रेलवे क्रासिंग का फ्लाईओवर निर्माण के लिए प्रस्तावित है और जिसकी स्वीकृति भी शासन से मिल चुकी हैं और रेलवे विभाग ने भी कथित तौर पर अनापत्ति दे दिया है ।
इस संदर्भ में भंगवा के जागरूक नागरिकों ने साँसद और स्थानीय विधायक से वार्ता किया तो उन्होंने आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल सका।
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