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भगवत प्राप्ति के लिए संस्कार युक्त जीवन ही हुआ करता है सदमार्ग:आचार्य योगेश



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के बरीबोझ गांव में हो रही श्रीमदभागवत कथा के छठवें दिन भगवान श्रीकृष्ण व रूक्मिणी विवाह पर कथाश्रवण को आये श्रद्धालुओं कोे फूलों की वर्षा कर हरे कृष्ण हरे राधे के संकीर्तन से माहौल को आध्यात्मिक रसधार देते दिखे। 


वहीं कथाव्यास करपात्री धाम के व्याकरणाचार्य आचार्य योगेश जी महराज ने कहा कि आस्था व विश्वास भगवत प्राप्ति के लिए आवश्यक है। 


उन्होने कहा कि भगवत प्राप्ति के लिए मनुष्य को अपने संस्कार के प्रति सदैव सजग रहना चाहिए। उन्होने कहा कि जो व्यक्ति संस्कार युक्त जीवन जीता है वह कभी भी कष्ट नही पा सकता। 


आचार्य योगेश जी ने कहा कि ज्ञान के अंधकार को दूर कर समाज में सुचिता का दीपक प्रकाशमान बनाना चाहिए। उन्होने कहा कि अज्ञानता जीवन का भटकाव है और अज्ञान के चौदह स्थलों के सूचकांक को मन में ध्यान रखते हुए सदैव कर्म की सदाचारिता के प्रति समर्पित रहना चाहिए। 


उन्होने कहा कि जीवात्मा और परमात्मा का मिलन तभी संभव है जब जीव बिना किसी प्रतिफल की कामना के परमात्मा के प्रति लीन रहे। 


आचार्य योगेश जी ने भागवत महात्म्य को कलियुग के लिए नीतिपथ का सबसे सुरक्षित मार्ग भी ठहराया। कथा के संयोजक पं. जगतपाल तिवारी तथा शिवकली देवी ने कथाव्यास का आयोजन समिति की ओर से सारस्वत सम्मान किया। 


सह संयोजक समाजसेवी धर्मेन्द्र तिवारी पप्पू व अधिवक्ता दीपेन्द्र तिवारी ने मंगलाआरती का भव्य प्रबंधन करते दिखे। कथाश्रवण के लिए क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी ने भी पहुंचकर व्यासपीठ का श्रीअभिषेक किया। इस मौके पर ब्लाक प्रमुख इं. अमित प्रताप सिंह पंकज, केडी मिश्र, अनिल त्रिपाठी महेश, हृदय नारायण मिश्र, विनय शुक्ल, रामचंद्र तिवारी, सुमन तिवारी, छोटे लाल मिश्र, आचार्य रामअवधेश मिश्र, उधम सिंह, विकास मिश्र, श्रीकांत मिश्र, केशवदत्त पाण्डेय, मुरलीधर तिवारी, कुंवर ज्ञानेन्द्र सिंह, संतोष तिवारी, राजू पाण्डेय आदि रहे।

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