डॉ ओपी भारती
वजीरगंज गोण्डा।कोंड़र स्थित महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली पर गुरुवार को पहुंचे कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक प्रेस वार्ता कर उत्पादों पर पतंजलि के नाम के उपयोग पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि बाराबंकी की एक सभा में उन्होंने पतंजलि कम्पनी के देशी घी पर सवाल उठाया था।जिसके सम्बन्ध में आचार्य बालकृष्ण का उन्हें फोन आया था।उसी सम्बन्ध में उन्होंने लोगों को यहां बुलाया है।
उन्होंने प्रश्न किया कि पतंजलि के नाम पर उत्पाद बनाने वाली कम्पनी को उनके नाम का उपयोग करने का अधिकार किसने दिया।
पतंजलि के नाम पर अरबों,खरबों रूपये कमाने वालों ने महर्षि पतंजलि आश्रम के बारे में अब तक क्या किया।बाबा रामदेव गोंडा तक आए लेकिन महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि तक आने की आवश्यकता उन्होंने नहीं समझी।
जब कि उनकी कम्पनी घी,तेल,आटा, मसाला,चड्ढी, बनियाइन तक हजारों उत्पाद उनके नाम पर बेंचती है।नकली सामानों के बाजार में आ जाने से किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है।
उन्होंने गाय व भैंस पालन बन्द कर दिया है।चूंकि इस दाम पर उनकी लागत भी नहीं निकलेगी।उन्होंने कहा कि इस कम्पनी के उत्पाद विदेशों की प्रयोगशालाओं में भी फेल हो चुके हैं।
उन्होंने चरक संहिता,राजा भोज व महाभ्याष का उद्धरण देते हुए बताया कि कोंड़र महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि है।उन्होंने लोगों को गौ पालन व देसी घी खाने की सलाह भी दी।उन्होंने कहा कि गोंडा में अयोध्या नरेश की गायें करने आती थीं।इसका पूर्व नाम गोनर्द था।
उपेक्षा की शिकार महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि पर कैसरगंज सांसद ने पहुंचकर पतंजलि कम्पनी के बनाए घी के बारे में स्थानीय लोगों को अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि 30 किलो दूध से 1 किलो घी तैयार होता है। 30 किलो दूध का मूल्य लगभग 1200 रुपये है तो बाबा रामदेव का घी ₹500 में किस हिसाब से बिक रहा है। क्या वह शुद्ध घी है।
उन्होंने स्थानीय लोगों को गोपालन की सलाह दी तथा महर्षि पतंजलि आश्रम के पुनरुद्धार के बारे में अपने स्तर से प्रयास करने का आश्वासन दिया।आश्रम पर पहुंचने पर उन्होंने महर्षि पतंजलि की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया व कोंड़र झील को भी देखा।
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत घनश्याम मिश्र,पूर्व राज्यमंत्री राम बहादुर सिंह,प्रमुख प्रतिनिधि पंकज सिंह,महेंद्र सिंह,डा. बी एल सिंह,प्रधान प्रतिनिधि विपिन सिंह,राम चंदर प्रजापति,महेंद्र तिवारी,भरत सिंह,ननकऊ सिंह,मोनू मिश्र,सन्तोष सिंह,पुजारी रमेश दास आदि उपस्थित रहे।