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मां बाप की मौत के बाद अब छात्रा आकांक्षा ने की आत्महत्या, फांसी लगाने से पहले सुसाइड नोट में लिखा दर्द

एटा में मां की आत्महत्या और पिता की मौत के बाद अब 11वीं की छात्रा आकांक्षा पांडेय ने भी फंदे से लटककर जान दे दी। उसने सुसाइड नोट में लिखा है कि "मरना तो था ही, एक्सीडेंट में मरते या यूं ही..." जानिए पूरी दर्द भरी कहानी।



उत्तर प्रदेश के एटा में 19 वर्षीय आकांक्षा पांडे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कभी आकांक्षा की मां ने मौत को गले लगा लिया था तो वही कुछ दिन बाद पिता का भी साथ छूट गया था। अब चमकरी गांव के एक कमरे में आकांक्षा का शव दुपट्टे के सहारे लटकता हुआ मिला है। जिससे परिवार वालों के दर्द और एक अधूरे सुसाइड नोट ने पूरे गांव को दहला दिया है।


आकांक्षा की अधूरी कहानी 

आकांक्षा के सर से वर्ष 2006 में मां के आंचल का छांव छिन गया था, सुधा ने आग लगाकर सुसाइड कर लिया था। यह पीड़ा पिता विशाल पांडे ज्यादा दिनों तक न सह सके, उन्होंने वर्ष 2019 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद आकांक्षा के सर से माता-पिता का साया उठ गया, जिसके बाद फतेहपुर के पुरैन गांव में रहने वाले आकांक्षा के मामा मामी ने भांजी को लाड प्यार से पाला था। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ आकांक्षा के जीवन के जख्म गहरे घाव बनते चले गए। न्यायालय के आदेश पर चाचा रवि पांडे 8 महीने पहले आकांक्षा को एटा के चमकरी गांव ले आए थे। यहीं से आकांक्षा के जीवन में मोड़ आने लगा।


आखिर क्या है रहस्य 

गांव के कई ग्रामीणों का आरोप है कि चाचा रवि पांडे आकांक्षा की पुश्तैनी जमीन को अपने नाम दर्ज करवाने का दबाव बना रहा था। जबकि रवि पांडे का कहना है कि आकांक्षा के ननिहाल वाले आकांक्षा की शादी जिस व्यक्ति से करना चाहते थे उसकी उम्र आकांक्षा की उम्र से कहीं ज्यादा थी। जिससे बचने के लिए आकांक्षा ने खुद फोन करके बुलाया था।



सुसाइड नोट जो बहुत कुछ कह रहा है

आत्महत्या से पहले आकांक्षा ने एक छोटा सा नोट छोड़ा है जिसमें उसने दुनिया को सदा सदा के लिए अलविदा कहा है। खत में बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन जो लिखा गया है उसमें बहुत गहराई है।


 "मरना तो हमें था ही। आज न मरते तो एक्सीडेंट में मरते। मामा, मेरे चाचा से कुछ मत कहना। न तुम भेजते न हम फांसी लगाते। यही सोच लिया था। मामा, हम तो बर्बाद थे ही, लेकिन हमारे पीछे सार्थक की जिंदगी मत बर्बाद करना।"


जिससे यह स्पष्ट हो गया कि आकांक्षा अंदर से टूट चुकी थी, उसके भीतर दर्द का लावा भरा हुआ था जो सुसाइड के रूप में फूट गया।


बोले इंस्पेक्टर 

मामले में देहात कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आरके सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है। जांच के लिए टीम बुलाई गई है। उन्होंने सुसाइड नोट की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी पहलुओं पर जांच जारी है। 


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