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भगवान श्रीकृष्ण का शाश्वत संदेश कर्मफल की है श्रेष्ठता:धनंजय दास



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। रामपुर बावली क्षेत्र के साधौराम जांगरा में हो रही श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ में पांचवे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी दिखी। 


कथा व्यास धनंजय दास जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने मनुष्य के लोक सुधार के लिए उसे सदैव धर्म पथ पर अग्रेतर बने रहने का शाश्वत संदेश दिया है। 


उन्होने कहा कि जीवन मे सुचिता तथा कर्म के प्रति त्याग भरी साधना ही भगवान की श्रद्धा पाने के लिए एक मात्र सुगम मार्ग है। धनंजय दास जी ने कहा कि भागवत कथा का ज्ञान हमें कर्मफल की महत्ता का बोध कराया करता है। 


उन्होने श्रद्धालुओं से कहा कि कलियुग के कलिकाल में पृथ्वी को पाप के भार से मुक्त बनाये रखने के लिए भगवान कृष्ण का जीवन दर्शन जीवन का आदर्श बनाए रख सकता है। 


उन्होनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म और सत्य की रक्षा के लिए आवश्यकतानुसार अपने अपनो को भी दण्डित करने का दृढ़ संकल्प न डिगने का भी हमे रास्ता दिखलाया है। 


धनंजय दास जी ने कहा कि कलियुग की साधना का मंत्र हरे कृष्ण हरे राधे के निश्छल संकीर्तन में ही फलीभूत हुआ करती है। उन्होनें समाज की सदभावना तथा समता के लिए भी कृष्णावतार को दिशाबोधक निरूपित किया। 


कथा के संयोजक समाजसेवी शीतला प्रसाद दुबे एवं सुशीला देवी ने व्यासपीठ का रोली चंदन से श्रीअभिषेक किया। सह संयोजक रमेशचंद्र दुबे व मालती देवी ने कथाव्यास समेत श्रद्धालुओं को मंगल टीका लगाकर सम्मानित किया। 


कथा के दौरान भक्त मण्डली व श्रद्धालुओं के मनमोहक राधेकृष्ण संकीर्तन ने माहौल को भावविभोर बना दिया। 


इस मौके पर रमाकांत दुबे, सुरेश नारायण दुबे, डा. चन्द्रेश सिंह, माताफेर पाल, अधिवक्ता रामनारायण द्विवेदी, श्याम नारायण द्विवेदी, दिवाकर, संतोष, विनय, सुधाकर आदि रहे। रामलखन द्विवेदी द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।

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