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जाति प्रथा समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप :व्यास आचार्य डॉ भोलानाथ तिवारी



बनारसी मौर्या

गोण्डा:श्रीराम महायज्ञ में आयोजित रामकथा में कथा व्यास आचार्य डॉ भोलानाथ तिवारी ने जाति प्रथा एवं समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर सभ्य समाज के निर्माण पर जोर दिया ।


शिवदयालगंज के इस्माइलपुर कस्बे में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ व राम कथा मैं कथा व्यास आचार्य डॉ भोलानाथ तिवारी राम विवाह की कथा सुनाया । 


रामचरित मानस की चौपाइयों का सुंदर वर्णन करते हुए राजा जनक के दरबार में धनुष यज्ञ ,परशुराम लक्ष्मण की तीखी संवाद व संपूर्ण राम विवाह की कथा का वर्णन किया । जनक दरबार में आयोजित स्वयंबर पर उपदेश देते हुए कहां की कन्या के विवाह के लिए योग्य वर चाहिए ना कि योग्य जाति ।


 उन्होंने कहा कि जाति से किसी भी व्यक्ति की योग्यता, संस्कार, सामर्थ आदि का आकलन नहीं किया जा सकता । प्राचीन समय में स्वयंवर का आयोजन योग्य वर चुनने के लिए ही किया जाता था ना की जाति । आज के समाज में लोग अपनी कन्या के विवाह के लिए अपनी ही जाति के वर ढूंढने में अयोग्य व्यक्ति के साथ अपनी कन्या का विवाह कर देते हैं । 


जिसका प्रणाम आगे चलकर विवाह विच्छेद व अन्य प्रकार के समस्याओं के रूप में देखने को मिलता है ।आगे उन्होंने कहा कि दहेज भी एक अभिशाप है । कन्या से बड़ा और कोई दहेज हो नहीं सकता । दहेज का लोभी व्यक्ति दरिद्र की श्रेणी में आता है । 


कथा में प्रमुख रूप से कटरा कुटी पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज, रजनीश कमलापुरी, अरुण कुमार सिंह, गौरी शंकर गुप्ता, अनुराग तिवारी विनोद कुमार गुप्ता सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे ।

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