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नगर निकाय सामान्य निर्वाचन के लिये आवश्यक सूचनायें जारी



नगर निकाय निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवार नाम निर्देशन दाखिल करने की तैयारियॉ समय से पूरी कर लें-जिला मजिस्ट्रेट

वेदव्यास त्रिपाठी 

खबर प्रतापगढ़ से है जहां जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत एवं नगरीय निकाय) डा0 नितिन बंसल ने बताया है कि राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन-2022 में निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों की सुविधा हेतु नाम निर्देशन के समय नाम निर्देशन पत्र के साथ विभिन्न अभिलेख/प्रमाण पत्र संलग्न किये जाने के सम्बन्ध में आवश्यक सूचनायें जारी कर दी गयी है ।


ताकि उम्मीदवारों द्वारा नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले अभिलेखों/प्रमाण पत्रों को समय से तैयार कराया जा सके। 


नगर निकाय सामान्य निर्वाचन उम्मीदवारी हेतु अर्हतायें नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत अध्यक्ष हेतु वह सम्बन्धित नगर निकाय का निर्वाचक हो एवं 30 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो। 


इसी प्रकार नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत सदस्य हेतु वह सम्बन्धित नगर निकाय का निर्वाचक हो एवं 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो।


 कोई भी व्यक्ति नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के सदस्य पद पर निर्वाचित होने के लिये उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा-13-घ तथा अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के लिये उक्त अधिनियम की धारा-43-कक(2) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अनर्ह होगा। 


संक्षेप में विभिन्न कारणों से कोई व्यक्ति निर्वाचित होने के लिये अनर्ह होगा क्रमशः वह अनुन्मोचित दिवालिया हो, वह नगर निकाय या उसके नियंत्रण में कोई लाभ का पद धारण करता हो, वह राज्य सरकार/केन्द्रीय सरकार/स्थानीय प्राधिकारी की सेवा में हो अथवा जिला सरकारी काउन्सिल/अपर या सहायक जिला सरकारी काउन्सिल/अवैतनिक मजिस्ट्रेट/अवैतनिक मुन्सिफ/अवैतनिक सहायक कलेक्टर हो। 


वह किसी प्राधिकारी के आदेश द्वारा विधि व्यवसायी के रूप में कार्य करने से विवर्जित किया गया हो, वह किसी स्थानीय प्राधिकारी का पदच्युत सेवक हो और जिसे पुनः सेवायोजन के लिये विवर्जित किया गया हो, भारत सरकार/राज्य सरकार के अधीन ग्रहण किये गये किसी पद से भ्रष्टाचार अथवा राजद्रोह के कारण पदच्युत हुआ हो और पदच्युत होने के दिनांक से 06 वर्ष की अवधि समाप्त न हो गयी हो। 


उसे किसी न्यायालय द्वारा इन अधिनियमों में उल्लिखित किसी अपराध के लिये दोषी पाया गया हो या सदाचार बनाये रखने के लिये पाबन्द किया गया है और 5 वर्ष की अवधि समाप्त न हो गयी हो। 


वह नगर निकाय को देय किसी कर का 01 वर्ष से अधिक अवधि अवधि के बकाये का देनदार हो, वह उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा-27 व 41 के अधीन अनर्ह हो।  


विभिन्न पदो ंके निर्वाचन हेतु नाम निर्देशन पत्र का मूल्य, जमानत की धनराशि तथा निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा के सम्बन्ध में बताया गया है कि अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिये अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हेतु 25 से 40 वार्ड के लिये नाम निर्देशनों पत्रों का मूल्य 500 रूपये, जमानत धनराशि 8000 रूपये तथा अधिकतम व्यय सीमा 9 लाख रूपये निर्धारित है तथा 41 से 55 वार्ड के नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद हेतु नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 500 रूपये, जमानत धनराशि 8000 रूपये व अधिकतम व्यय सीमा 12 लाख निर्धारित है। 


इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/महिला उम्मीदवारों के लिये अध्यक्ष नगर पालिका परिषद पद हेतु 25 से 40 वार्ड के लिये नाम निर्देशनों पत्रों का मूल्य 250 रूपये, जमानत धनराशि 4000 रूपये तथा अधिकतम व्यय सीमा 9 लाख रूपये निर्धारित है तथा 41 से 55 वार्ड के नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद हेतु नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 250 रूपये, जमानत धनराशि 4000 रूपये व अधिकतम व्यय सीमा 12 लाख निर्धारित है।



नगर पालिका परिषद सदस्य पद हेतु अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 200 रूपये, जमानत धनराशि 2000 रूपये तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/महिला उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 100 रूपये, जमानत धनराशि 1000 रूपये निर्धारित की गयी है। 


नगर पालिका परिषद सदस्य पद हेतु अधिकतम व्यय सीमा 2 लाख निर्धारित की गयी है। 


नगर पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 250 रूपये, जमानत धनराशि 5000 रूपये तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/महिला उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 125 रूपये, जमानत धनराशि 2500 रूपये निर्धारित की गयी है। 


नगर पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अधिकतम व्यय सीमा 2 लाख 50 हजार निर्धारित की गयी है। इसके अतिरिक्त नगर पंचायत सदस्य पद हेतु अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 100 रूपये, जमानत धनराशि 2000 रूपये तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/महिला उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य 50 रूपये, जमानत धनराशि 1000 रूपये निर्धारित की गयी है और अधिकतम व्यय सीमा 50 हजार निर्धारित की गयी है। 


आरक्षित तथा अनारक्षित पदों के निर्वाचन हेतु अलग-अलग रंगों के नाम निर्देशन पत्र है। आरक्षित पदों हेतु पीले रंग का तथा अनारक्षित पद हेतु सफेद रंग का नाम निर्देशन पत्र है। 


आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों द्वारा अनारक्षित पद पर नाम निर्देशन करने पर भी आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिये निर्धारित नाम निर्देशन पत्र का मूल्य लिया जायेगा। नाम निर्देशन पत्र नगद मूल्य देकर क्रय किया जा सकेगा। 


जमानत की धनराशि चालान द्वारा ट्रेजरी में जमा करायी जा सकती है तथा चालान की एक प्रति नाम निर्देशन पत्र के साथ संलग्न की जायेगी। चालान फार्म रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी से निःशुल्क प्राप्त होगें। जमानत की धनराशि ट्रेजरी चालान द्वारा बैंक/कोषागार में लेखा शीर्षक ‘‘8443-सिविल जमा-121-चुनावों के सम्बन्ध में जमा-05 स्थानीय निकायों के निर्वाचनों के लिये जमा’’ में जमा की जायेगी। 


जमानत की धनराशि नगद भी जमा करायी जा सकती है। जमा के प्रमाण स्वरूप रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी रसीद देगा। किसी उम्मीदवार द्वारा एक निर्वाचन क्षेत्र के लिये निर्वाचन हेतु अधिकतम 4 नाम निर्देशन पत्र भरे जा सकते है परन्तु उक्त निर्वाचन क्षेत्र के लिये जमानत की धनराशि एक बार ही जमा की जायेगी। 



प्रस्तावक के सम्बन्ध में बताया गया कि उम्मीदवारों के नाम निर्देशन पत्र एक प्रस्तावक द्वारा हस्ताक्षरित किये जायेगें तथा उम्मीदवार एवं प्रस्तावक का फोटो भी नाम निर्देशन पत्र पर चस्पा किया जायेगा। 


नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत सदस्य के मामलों मे ंप्रस्तावक उसी कक्ष का निर्वाचक हो सकता है जिस कक्ष से उम्मीदवार निर्वाचन लड़ रहा है किन्तु नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत अध्यक्ष के मामलों में प्रस्तावक उसी निकाय के किसी भी कक्ष का निर्वाचक हो सकता है जिस निकाय से उम्मीदवार निर्वाचन लड़ रहा है। 


कोई मतदाता एक से अधिक अभ्यर्थी को प्रस्तावक के रूप में नामनिर्दिष्ट नहीं कर सकता है। 

नाम निर्देशन पत्र के साथ संलग्न किये जाने वाले अभिलेख/प्रमाण पत्र के सम्बन्ध में बताया गया कि सम्बन्धित निकाय के एक वर्ष से अधिक अवधि के बकाये का देनदार न होने का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा, उम्मीदवार जिस कक्ष का निर्वाचक है उससे भिन्न कक्ष से निर्वाचन लड़ने पर उम्मीदवार को निर्वाचक नामावली की सुसंगत प्रविष्टियों की प्रमाणित प्रतिलिपि संलग्न करनी होगी, जमानत धनराशि जमा किये जाने की रसीद। यदि उम्मीदवार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ी जाति का है तो उसे सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। 


इसके साथ ही आयोग द्वारा जारी प्रारूप में शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा, शपथ पत्र नोटरी/तहसीलदार/नायब तहसीलदार में से किसी एक द्वारा सत्यापित कराया जा सकता है। 


शपथ पत्र का प्रारूप रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी से निःशुल्क प्राप्त किये जा सकते है। उम्मीदवारों द्वारा निर्धारित प्रारूप पर आपराधिक एवं सम्पत्तियों/दायित्वों का विवरण सम्बन्धी शपथ पत्र भी नाम निर्देशन पत्र के साथ संलग्न किया जायेगा जिसका प्रारूप रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी से निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है तथा शपथ पत्र कार्यकारी मजिस्ट्रेट/तहसीलदार/नायब तहसीलदार (जिन्हें कार्यकारी मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदत्त कर दिये गये हो)/सार्वजनिक नोटरी से सत्यापित कराया जा सकता है।


 उम्मीदवार नाम निर्देशन पत्र जमा करने की रसीद अवश्य प्राप्त करें।

कोई भी प्रत्याशी किसी राजनैतिक दल द्वारा खड़ा किया गया तभी और केवल तभी समझा जायेगा जब उस प्रत्याशी ने इस आशय की घोषणा अपने नाम निर्देशन पत्र में कर दी हो, उम्मीदवार ने इस आशय की लिखित सूचना सम्बन्धित दल के प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा प्रारूप-7(क) में उम्मीदवारों के अन्तिम दिनांक व समय से पूर्व सम्बन्धित निर्वाचन अधिकारी को प्रदत्त कर दी गयी हो। 


उक्त सूचना दल के अध्यक्ष अथवा उनके द्वारा अधिकृत किसी अन्य पदाधिकारी द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्र-7(ख) पर हस्ताक्षरित हो। ऐसे प्राधिकृत व्यक्ति का नाम एवं उनके नमूने के हस्ताक्षर प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सम्बन्धित निर्वाचन अधिकारी तथा सम्बन्धित जिला निर्वाचन अधिकारी को उम्मीदवारी के अन्तिम दिनांक व समय तक प्रारूप-7(ख) में सूचित किया गया हो। 



प्राधिकृत प्राधिकारी द्वारा अपने समर्थक उम्मीदवार के पक्ष में निर्गत किये जाने वाले प्रारूप-7(क) एवं 7(ख) की सूचना निम्न दशाओं में मान्य नहीं होगी यदि उक्त प्रारूप-7(क) एवं 7(ख) की सूचना फैक्स के माध्यम से प्राप्त होती है। उक्त प्रारूप-7(क) एवं 7(ख) की सूचना सत्य प्रतिलिपि हस्ताक्षर या मुहर द्वारा हस्ताक्षर से प्राप्त होती है। 


जिला मजिस्ट्रेट ने सभी उम्मीदवारों से अपेक्षा की गयी है कि असुविधा से बचने के लिये नाम निर्देशन दाखिल करने की तैयारियॉ समय से पूरी कर लें और वांछित अभिलेखों/प्रमाण पत्रो के साथ नाम निर्देशन पत्र दाखिल करें।

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