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नवाबगंज:प्रधान के पति ने की छेड़छाड़, दलितों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, उल्टा दर्ज कराया मुकदमा।

 


आरके शुक्ला

गोण्डा:नवाबगंज थाना क्षेत्र के लौव्वावीरपुर गाँव में दलित महिला से छेड़छाड़ और दलितों पर अत्याचार का मामला प्रकाश में आया है।


पीड़ितो ने आरोप लगाया है कि यहां की ग्राम प्रधान लक्ष्मी देवी के पति जितेंद्र तिवारी ने अपने चमचों के साथ छेड़खानी किये और विरोध करने पर मारपीट की। 


वहीं इस मामले में स्थानीय पुलिस ने रसूखदारों के दबाव में आकर ग्राम प्रधान के पति की तहरीर पर आनन-फानन में दलितों पर ही गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया है।


 मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के लौव्वावीरपुर गाँव निवासिनी रानी देवी पत्नी भभूती ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा कि - रविवार को सुबह 10 बजे के करीब विपक्षीगण जितेन्द्र तिवारी पुत्र स्व पुत्तीलाल, अदध्यांस तिवारी पुत्र जितेंद्र तिवारी ने हमारी देवरानी पूजा पत्नी पप्पू के साथ छेड़छाड़ करने लगे। 


विरोध करने पर विपक्षीगण गाँव के ही चंद्रमणी पुत्र कृष्ण कुमार, राम कुमार यादव पुत्र राम उजागर यादव, सुभावन यादव पुत्र दयाराम के साथ आकर पीड़िता और उसके बेटों को मारने-पीटने लगे और जब पीड़ितों ने शोर मचाया तो प्रधान के पति ने अपना लाइसेंसी असलहा निकाल कर घर में घुस कर मारा पीटा एवं जातिसूचक अपशब्दों का प्रयोग किया और जमकर तोड़फोड़ की । 


जिससे पीड़ित पक्ष के छोटू, रमेश, कलीम, पप्पू को गंभीर चोंटे आईं हैं। वहीं पूजा के पति पप्पू पुत्र सितई ने भी पुलिस अधीक्षक को प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है। दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़ित ने बताया कि उसकी गाँव में ही छोटी सी परचून की दुकान है। 


विपक्षीगण आये दिन दुकान पर आकर उसकी पत्नी से छेड़छाड़ करते हैं। रविवार को दबंग विपक्षीगणों ने मेरे भैया-भाभी, उनके बच्चों और पीड़ित को पत्नी सहित को मारा-पीटा। 


पीड़ित का आरोप है कि स्थानीय थाने पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई साथ ही स्थानीय पुलिस द्वारा बिना किसी महिला आरक्षी की मौजूदगी में पीड़ित की पत्नी को घर से उठाकर थाने में लाकर बंद कर दिया गया। 


इस संबध में प्रभारी निरीक्षक अरूण कुमार दुवेदी ने कहा कि प्रधान के पति की तहरीर पर भभूती, विशाल, अभिषेक, रमेश, राम बहादुर, दिलीप, पुलिस की कार्यशैली पर भी लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। 


फिलहाल पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपमहानिरीक्षक से मिलने के बाद भी पीड़ित दलितों ने बताया कि स्थानीय थाने और अन्य उच्च अधिकारियों से उन्हें न्याय का कोई ठोस भरोसा नहीं मिला है सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाकर घर भेज दिया है। इस घटना से पूरे गाँव के लोग दहशत में हैं।

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