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जो हैं सच्चे मुसलमां उनको हिन्दू से मोहब्बत है...



कुलदीप तिवारी 

प्रतापगढ़। जिले के नगर पंचायत पृथ्वीगंज के पूरनपुर पटखान में क़ौमी एकता के नाम विराट कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित हुआ। 


कवि सम्मेलन एवं मुशायरे की अध्यक्षता आचार्य अनीस देहाती और संचालन प्रयागराज के हास्य कवि बिहारी लाल अम्बर ने किया। शकील फूलपुरी के नाते पाक से मुशायरे का आग़ाज़ हुआ। 


उन्होंने पढ़ा- खूबसूरत लिबास है लेकिन, जिस्म नंगा दिखाई देता है। फलक सुल्तानपुरी ने अपनी दिलकश आवाज़ से मुशायरे में जान फूँकी उन्होंने पढ़ा-हया की वादियों में, शर्म के आँगन में रहती हूँ। मैं उर्दू हूँ सदा तहज़ीब के दामन में रहती हूँ। 


अदब के नामचीन शायर ख़ुर्शीद अम्बर ने बेहतरीन शाइरी पेश की उन्होंने पढ़ा- अज़ान अच्छी नहीं लगती, भजन अच्छा नहीं लगता, बुरे लोगों को पाकीज़ा चलन अच्छा नहीं लगता।


 शायर डाॉ. अनुज नागेन्द्र ने तो पूरी महफ़िल ही लूट ली, उन्होंने पढ़ा- चमन फूल को जैसे कि खुशबू से मोहब्बत है, कि वैसे ही मेरी हिन्दी को उर्दू से मोहब्बत है। 


सियासत ने भले ही बो दिया जहन पर अब भी , जो हैं सच्चे मुसलमां उनको हिन्दू से मोहब्बत है। अवधी के सशक्त रचनाकार आचार्य अनीस देहाती ने अवधी का रंग जमाया। उन्होंने सुनाया, मेल मुहब्बत, दुआ बंदगी अस गायब भै पांडे, वह देखा अब्दुल्लउ चच्चा खसकेन आड़े-आड़े। 


हाजी ख़लील फरीदी रायबरेलवी का जादू सर चढ़कर बोलता नज़र आया, उन्होंने पढ़ा- उधर तुम जलाओ इधर हम जलाएं, दिये ही दिये हर तरफ़ जगमगाएं, मिले छाँव अपने पराये सभी को, मोहब्बत के ऐसे शजर हम लगाएं। 


संचालन कर रहे हास्य के बवंडर बिहारीलाल अम्बर ने पूरी रात श्रोताओं को अपनी हास्य कविताओं से बांधे रखा।मुशायरे के संयोजक जाबिर खान ने सभी शायरों का आभार जताया। 


इस मौके पर शबनम बानो, उमाकांत पांडेय बब्बू, अनवर अली, हाज़ी इलियास, कयूम खान, सुरेश सिंह, अशोक पाल, शंकर यादव, बृजेश सरोज, शोभनाथ विश्वकर्मा, डाॉ. बच्चाबाबू वर्मा आदि रहे।

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