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पराक्रम व त्याग का पर्याय थे बोस:कृष्ण अवतार भाटी



आनंद गुप्ता 

पलियाकलां-खीरी।शहर स्थित जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज में राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।



कार्यक्रम के दौरान मौजूद छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य कृष्ण अवतार भाटी ने कहा कि सुभाष बाबू पराक्रम व त्याग के पर्याय थे। देश के प्रति उनका समर्पण व अनुराग अद्वितीय था। 


उनके विचारों को जीवंत रखने के लिये भारत सरकार ने2021 से, 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर ऐतिहासिक कार्य किया है। सक्षम व सम्रद्ध भारत के निर्माण के लिये नेताजी की विचार धारा बहुत ही प्रासंगिक है। 


तत्कालीन भारतीय नेतृत्व का सुभाष बाबू का असहयोग करना एक चिंतनीय विषय है। विद्यालय की नोडल अधिकारी आकृति गुप्ता ने कहा कि सुभाष विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने आईसीएस की परीक्षा में सम्पूर्ण ब्रिटिश उपनिवेश में चतुर्थ स्थान प्राप्त कर अपनी मेघा का परिचय बिर्टिश साम्राज्यवाद को दिया था।


सामाजिक विज्ञान शिक्षिका शालिनी चौधरी ने कहा कि सुभाष बाबू की नेतृत्व क्षमता बेमिशाल थी। उन्होंने 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में गांधी जी के उम्मीदवार को हराकर अपनी लोकप्रियता का परिचय दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतमाता व नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पूजन व अर्चन से हुआ। 


कार्यक्रम का सफल संचालन विज्ञान शिक्षिका कृतिका वर्मा ने किया। इस अवसर पर मधु पांडेय,माया वर्मा व नंदनी गुप्ता ने भी अपने अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर अर्चना शुक्ला, रचना मिश्रा,निहाल व अतुल सिंह आदि मौजूद रहे।

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