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Colonelganj news:कथा ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालुओं ने सुनी कंस वध की कथा



रजनीश / ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालुओं ने कंस वध की कथा सुनी। ग्राम पंचायत नगवा कला के मजरा कोठार में स्थित काली माई स्थान पर संगीत मय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया है।


 बुधवार की रात्रि में कथा वाचक आचार्य ज्ञानानंद जी महाराज ने भक्तों को कंस वध और द्वारिका पुरी की कथा का रसपान कराया। कथा व्यास ने कहा कि मानव कल्याण के लिए जीवन में मुक्ति पाने के लिए श्रीमद्भागवत कथा को जरूर सुनना चाहिए। 


कंस के अत्याचार से पृथ्वी त्राह त्राह जब करने लगी तब लोग भगवान से गुहार लगाने लगे। तब कृष्ण अवतरित हुए। कंस को यह पता था कि उसका वध श्रीकृष्ण के हाथों ही होना निश्चित है। 


इसलिए उसने बाल्यावस्था में ही श्रीकृष्ण को अनेक बार मरवाने का प्रयास किया, लेकिन हर प्रयास भगवान के सामने असफल साबित होता रहा। 11 वर्ष की अल्प आयु में कंस ने अपने प्रमुख अकरुर के द्वारा मल्ल युद्ध के बहाने कृष्ण, बलराम को मथुरा बुलवाकर शक्तिशाली योद्धा और पागल हाथियों से कुचलवाकर मारने का प्रयास किया, मगर वह सभी श्रीकृष्ण और बलराम के हाथों मारे गए और अंत में श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिला दी।


 कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को जहां कारागार से मुक्त कराया, वही कंस के द्वारा अपने पिता उग्रसेन महाराज को भी बंदी बनाकर कारागार में रखा था, उन्हें भी श्रीकृष्ण ने मुक्त कराकर मथुरा के सिंहासन पर बैठाया। 


कथा को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा में राजबहादुर तिवारी, लक्ष्मी शंकर तिवारी, राजेश तिवारी, मनोज तिवारी, आशीष तिवारी, गंगाधर तिवारी, आभाष आदि शामिल रहे।

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