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लुंबिनी में रामकथा को लेकर हिन्दू व बौद्ध संगठन आमने सामने



उमेश तिवारी

 महराजगंज:भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में आयोजित रामकथा प्रवचन को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। लुंबिनी में सड़क पर उतरकर बौद्ध अनुयायियों ने मंगलवार की शाम से होने वाली रामकथा के विरोध में प्रदर्शन करते हुए उसे रोकने की मांग की। 


जबकि, हिन्दू संगठनों के लोग भी रामकथा के समर्थन में उतर गए और दोनों संगठनों के आमने-सामने आने से विवाद बढ़ गया। पत्थरबाजी हुई तो पुलिस को बल प्रयोग कर मामले को संभालना पड़ा। इसी बीच सोमवार को कथावाचक मुरारी बापू लुंबिनी पहुंच गए।


विरोध कर रहे बौद्ध धर्म से जुड़े लोगों का कहना है कि लुंबिनी में रामकथा से बौद्ध धर्म व विरासत पर अनुकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उदय बिहार, इंटरनेशनल बुद्धिस्ट सोसाइटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिओम बीके ने कहा कि संयुक्त बौद्ध धर्मालम संघर्ष समिति को यह कहते हुए सड़क पर लड़ाई करनी पड़ी कि राम कथा के उपदेश से लुंबिनी की गरिमा कम होगी। 


कहा कि लुंबिनी बुद्ध की जन्मस्थली केवल बौद्धों के लिए आस्था का केंद्र है और गैर बौद्ध कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे। वहीं, बौद्ध अनुयायियों के प्रदर्शन के विरोध में हिन्दू संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर रामकथा के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। 


दोनों ओर से पत्थरबाजी भी होने लगी तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर माहौल को शांत किया। नेपाल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ओंकार तिवारी ने कहा कुछ लोग वेवजह मामले को तूल देकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे थे। इसके विरोध में हिन्दू संगठन के लोग भी सड़क पर उतर आए। रुपन्देही के एसपी रविन्द्र रेग्मी ने कहा माहौल ठीक है। मंगलवार से बापू की रामकथा लुंबिनी में शुरू होगी।



एअरपोर्ट पर बापू का स्वागत

रामकथा वाचक मुरारी बापू सोमवार को 4 बजे भैरहवा के सिद्धार्थ अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट चार्टेड प्लेन से उतरे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम के संयोजक राजेश अग्रवाल और नेपाल के पूर्व गृह मंत्री बाल कृष्ण खांड ने उनका स्वागत किया। बापू दिल्ली से चार्टेड प्लेन से भैरहवा पहुंचे और वहां से लुंबिनी चले गए।

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