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नवाबगंज:ना बिजली ना रास्ता ना पानी, गज़ब है इस गाँव की कहानी



पं श्याम त्रिपाठी/ बनारसी मौर्या 

गोण्डा:नवाबगंज विकास खंड के एक गांव की गजब कहानी है जहां एक तरफ सरकार गाँव-गाँव में विकास की गाथा लिखने का दावा कर रही है वहीं इस गांव में मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हैं। पूरे विकास खंड में ही नहीं अपितु दूरदराज के क्षेत्रों में भगवान बख्श सिंह और उनके हाथी के ऊपर कई मुहावरे और लोककथायें प्रचलित हैं।क्षेत्रीय लोग उनका अक्सर उदाहरण देते हैं और वह या उनके परिवार के लोग आजादी के बाद से ही गांव की प्रधानी चला रहे हैं लेकिन चिराग तले ही अंधेरा रहता है। आज हम उन्ही भगवान बख्श के गांव गढ़ी की बात कर रहे हैं। उनके ही गाँव का एक मजरा है मदार पुर जहां के लोगों ने बिजली पानी रास्ते जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रदर्शन किया है और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की है। गांव की बुजुर्ग विधवा महिला सावित्री ने बताया कि उनके गांव में रास्ता नहीं, शुद्ध पेयजल भी नहीं मिलता, पेंशन नहीं बनी है और उनके पास घर भी नहीं है। गांव के ही श्रीनरायन पांडे ने बताया कि गांव में लगभग एक दर्जन से अधिक घर हैं जिनमें सैकड़ों लोग रहते हैं। गाँव से 01 किलोमीटर दूर ट्रांसफार्मर लगा हुआ है 05 वर्ष पूर्व विद्युत विभाग ने खंभे लगाये थे लेकिन अब तक उन पर तार नहीं दौडे। वह सभी लोग अपनी-अपनी केबल द्वारा काम चला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि गांव में सालों पहले एक मात्र रास्ते पर खड़ंजा लगा था। कागजों वह रास्ते पर सड़क बन चुकी है और वर्तमान प्रधान द्वारा भुगतान भी लिया जा चुका है। बुजुर्ग जनार्दन ने बताया कि यदि गाँव में कोई बीमार होता है तो उसे हम लोग निजी चिकित्सक को दिखाते हैं या फिर अयोध्या जनपद ले जाना पड़ता है क्योंकि आसपास कोई स्वास्थ्य उपकेंद्र भी नहीं है। सुलोचना ने कहा कि कई बार इस संबध में ग्राम प्रधान से कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कई सालों से इन सभी समस्याओं का समाधान ना होने आक्रोशित होकर गाँव के रामानुज उपाध्याय, जगन्नाथ, महादेव, तुंगनाथ, राजनारायण, रामावती, शोभादेवी, सरिता, गुलाब, संगीता, गीता, नीलम, सरिता, कोमल सहित दर्जनों लोगों ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी से शिकायत की है।

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