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चीनी नागरिकों ने देशभर में की ठगी के लिए ग्रेटर नोएडा को बनाया था ठिकाना, नेपाल बार्डर से करते थे प्रवेश



उमेश तिवारी

नेपाल बार्डर से पकड़े गए चीनी नागरिक ग्रेनो  जिस गेस्ट हाउस में ठहरे थे उसे लंबी जांच के बाद पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। चीनी नागरिकों ने इस गेस्ट हाउस में कैसीनो और पब बनाया हुआ था। यहीं पर तमाम मीटिंग चीनी नागरिक करते थे। ग्रेनो के गेस्ट हाउस से सामने आए चीनी नागरिकों के काले कारनामे की जांच अब ईडी करेगी। अब तक की जांच में सामने आया है कि चीनी नागरिकों ने फर्जी चाइनीज ऐप के जरिए छोटे-छोटे लोन, शेयर ट्रेडिंग और गेमिंग ऐप में मोटे मुनाफे का लालच देकर 1200 करोड़ से अधिक की ठगी की है। ठगी करने में इस्तेमाल हो रहे 75 से ज्यादा बैंक खाते सामने आए हैं, जो यूपी, एनसीआर, केरल, तेलंगाना, दिल्ली के बैंकों में संचालित हो रहे थे। दूसरी ओर इस मामले में आरोपी नटवरलाल की मंगेतर को पहले ही कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। बाकी अन्य आरोपी हाई कर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर करने की चर्चा है।


ईकोटेक फर्स्ट थाना प्रभारी सरिता मलिक ने बताया कि इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। घरबरा स्थित गेस्ट हाउस जांच के दौरान सील किया गया था। गेस्ट हाउस मालिक का इस मामले में कोई रोल सामने ने है जिसके बाद गेस्ट हाउस खोलने की इजाजत दे दी थी। इस मामले में अब तक सभी आरोपी जेल में है सिर्फ नटवरलाल की महिला मित्र को इस मामले में जमानत मिली है। सूत्रों के अनुसार सभी आरोपियों ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका डाली है। वहीं, ग्रेटर नोएडा के घरबरा में संचालित होने वाले चीनी नागरिकों के अवैध अड्डे को संरक्षण देने के मामले में ईकोटेक कोतवाली के बीट इंचार्ज दारोगा दीपक व बीट सिपाही प्रमोद और मोहित को लाइन हाजिर किया गया है। तीनों की संलिप्तता की जांच डीसीपी को सौंपी गई है। लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। लंबी जांच के बाद एसटीएफ ने अवैध खातों में जमा करीब 25 करोड़ रकम फ्रीज कराई है।


फर्जी कंपनी और क्रिप्टो करंसी से चीन भेजा पैसा

जालसाजों ने इन खातों में जमा बड़ी रकम को फर्जी कंपनियों और क्रिप्टो करंसी के जरिए चीन भेज दिया था। ठगी की रकम खपाने के लिए यूपी, एनसीआर, दिल्ली व अन्य शहरों में 100 से ज्यादा शेल कंपनियां बनाई गईं। ठगी की रकम का एक बड़ा हिस्सा हवाला व क्रिप्टोकरंसी के जरिए चीन भेज दिया गया है। यूपी एसटीएफ की जांच में यह बड़ी जानकारी सामने आई है। मामले से जुड़े सभी दस्तावेज, एसटीएफ की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट व अन्य जानकारियां एसटीएफ से लेने के बाद ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज करने की तैयारी में है।


दो चीन के नागरिक नेपाल बॉर्डर से हुए थे गिरफ्तार

नेपाल बार्डर के पास सीतामढ़ी में 11 जून 2022 को लू लैंग और यू हेलेंग नामक चीनी नागरिकों को गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करते पकड़ा गया था। इनसे हुई पूछताछ में खुलासा हुआ कि नोएडा में सु फाई और उसकी करीबी पेटेख रेनुओ भारतीय लोगों के साथ लोन, ट्रेडिंग और गेमिंग एप के जरिए भारतीयों से ऑनलाइन करोड़ों की ठगी का गैंग चला रहे हैं। शुरुआत में नोएडा पुलिस ने मामले की जांच की बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एसटीएफ को दे दी गई। बीते साढ़े आठ माह के अंदर इस मामले में 13 चीनी नागरिकों, आठ भारतीयों और एक तिब्बती की गिरफ्तारी हो चुकी है।


100 शेल कंपनियां बनाई थी

एसटीएफ की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक जालसाजों ने ठगी की रकम को चाइना रूट करने के लिए करीब शेल 100 कंपनियां बनाई थीं। इनमें से पांच से ज्यादा कंपनी विदेशी और बाकी भारतीय थीं। इनमें से ज्यादातर कंपनियां मोबाइल फोन से जुड़ी चीजें जैसे चार्जर, मोबाइल कवर व चीजें बनाने से जुड़ी थीं और इनका बिजनेस चाइना की मोबाइल कंपनियों से जुड़ा हुआ था। अंडर इनवॉइसिंग के जरिए चाइना की बड़ी मोबाइल कंपनियों में रकम ट्रांसफर की जा रही थी। ईडी पहले ही वीवो समेत कुछ मोबाइल कंपनियों की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच कर रही है। दोनों ही जांच की कड़ियां आपस में जुड़ने की संभावना जताई जा रही है।


17 फरवरी को एक और चीनी गिरफ्तार

17 फरवरी को गौरीफंटा स्थित नेपाल बार्डर पर एसएसबी ने गैरकानूनी तरीके से नेपाल जा रहे एक और चीनी को गिरफ्तार किया है। उसकी शिनाख्त वैंग गोउजून के रूप में हुई है। वह दिल्ली से पलिया के रास्ते गौरीफंटा होते हुए नेपाल जाने की कोशिश कर रहा था। जबकि उसके पास न तो वैलिड पासपोर्ट था और न ही वीजा। उससे आईबी, रॉ समेत अन्य एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। उसके खिलाफ गौरीफंटा थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई है।


क्या था मामला

नेपाल बार्डर के पास सीतामढ़ी में 11 जून 2022 को लू लैंग और यू हेलेंग नामक चीनी नागरिकों को गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करते पकड़ा गया था। इनसे हुई पूछताछ में खुलासा हुआ कि नोएडा में सु फाई और उसकी करीबी पेटेख रेनुओ भारतीय लोगों के साथ लोन, ट्रेडिंग और गेमिंग एप के जरिए भारतीयों से ऑनलाइन करोड़ों की ठगी का गैंग चला रहे हैं। शुरुआत में नोएडा पुलिस ने मामले की जांच की बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एसटीएफ को दे दी गई। बीते साढ़े आठ महीने के अंदर इस मामले में 13 चीनी नागरिकों, आठ भारतीयों और एक तिब्बती की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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