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बुद्ध के ननिहाल देवदह में उत्खनन के लिए चिन्हित राजमहल टीले की सफाई शुरू



उमेश तिवारी

महराजगंज  जिले के लक्ष्मीपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत बनरसिहा कला में स्थित प्राचीन बौद्ध स्थल राजमहल की खुदाई के लिए चिन्हांकन पूरी करने के बाद मंगलवार को राजमहल टीले की सफाई शुरू कर दी गई है। उत्खनन, पुरातत्व उत्खनन विभाग कर्मचारी व अिधकारी आवासीय कैंप बना कर रह रहे हैं। विभाग ने पल -पल को कैमरे में कैद करने के लिए विभागीय फोटो ग्राफर भी भेजा है।


पुरातत्व उत्खनन अधिवेक्षण अधिकारी लखनऊ राम विनय ने बताया कि खुदाई के लिए चिन्हांकन करने के बाद कर्मचारियों द्वारा राजमहल टीले की साफ सफाई शुरु कर दी गई है। उत्खनन में लगे कर्मचारियों के लिए टेंट लगाया चुका है। जिसमें टीम के सदस्य रह रहे हैं। चिन्हित स्थल की साफ सफाई पूर्ण होने के बाद उत्खनन शुरु हो जाएगा। इस अवसर पर फोटो ग्राफर राजीव रंजन, सर्वेक्षक अनिल सिंह, मनमोहन डिमरी, जितेंद्र राव, अमित सिंह,प्रभुदयाल, प्रहलाद गौतम, बबलू तिवारी, महेन्द्र जायसवाल, लक्ष्मी पटेल आदि उपस्थित रहे।


बनरसिहा कला देवदह में कब क्या हुआ ?

  • बनरसिहा कला में खुदाई 1992 में हुई। जिसमें मौर्य, शुंग व कुषाण कालीन अवशेष प्राप्त हुए।


  • वर्ष 2006 से देवदह रामग्राम बौद्ध विकास समिति के अध्यक्ष जितेंद राव के नेतृत्व में प्रति वर्ष अक्तूबर में देवदह महोत्सव होने लगा।


  • पुरातत्व, राजस्व व चकबंदी विभाग की संयुक्त टीम ने 88 एकड़ भूमि का सीमांकन एक व दो नवंबर 2017 को किया।


  • नवंबर  2018 में देवदह रामग्राम बौद्ध विकास समिति नौतनवा ने देवदह के विकास के लिए मुड़ली चौराहे पर धरना दिया।


  • देवदह के टीलों की सच्चाई जानने के लिए सेमिनार का आयोजन 24 अगस्त 2019 को हुआ।

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