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तरबगंज तहसील के अधिकारियों कर्मचारियों सहित 23 नामजद के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज



रमेश कुमार मिश्रा 

गोण्डा:सूबे में सीएम योगी की सरकार बनते ही माफियाओं के प्राण पखेरू उड़ गए, सीएम योगी के पुलिस प्रशासन ने अपराधियों माफियाओं के नाक में दम कर दिया। शासन प्रशासन ने अपराधी या माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए उनकी गिरफ्तारी ही नही की बल्कि उन्हें बाबा के बुलडोजर का भी सामना करना पड़ा। लेकिन गोण्डा जनपद में भूमाफियाओं का सक्रिय गिरोह बाबा के बुलडोजर के जद में आने से अभी भी बचा है। ऐसे में एक महिला ने एक अधिकारी के संबंधित विभाग के अज्ञात कर्मचारियों व अन्य 23 लोगों के विरुद्ध जालसाजी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।


मिली जानकारी के अनुसार गोण्डा नगर कोतवाली में देहात कोतवाली क्षेत्र के लुबावां गांव के मजरे फूलपुरवा निवासिनी गुड्डी पुत्री स्व रामकृपाल ने दर्ज कराए गए मुकदमें में आरोपियों को सक्रिय गिरोह बताया है।


सक्रिय गिरोह 

 पीड़िता ने दर्ज कराए गए रिपोर्ट में कहा है कि जनपद की बेशकीमती भूमियों का कूटरचित दस्तावेज वसीयतनामा, दानपत्र, मरणोपरान्त वसीयतनामा बैनामा बनाकर एवं जालसाजी करके बेशकीमती भूमियों को हड़पने संगठित गिरोह है जो बेशकीमती भूमियों को हड़पने का कार्य कर रहा है।


कौन-कौन है आरोपी,किस किस पर दर्ज हुआ मुकदमा

गोंडा देहात कोतवाली के भदुआ तरहर निवासी बृजेश कुमार अवस्थी पुत्र मुरलीधर अवस्थी,नगर कोतवाली के 185 मालवीय नगर के अनिल सिंह पुत्र वीरेंद्र बहादुर, विष्णुपुरी  कॉलोनी 151निवासी राकेश कुमार त्रिपाठी पुत्र अरनिमा पति त्रिपाठी,नगर कोतवाली के कंचनापुर , कुर्था निवासी महेंद्र पाल सिंह पुत्र सुखपाल सिंह, सिविल लाइन के राजकुमार लाल श्रीवास्तव पुत्र दीपचंद, गुरुदयाल इमलिया निवासी पंकज वर्मा पुत्र राजित राम वर्मा, भदुआ तरहर निवासी अरुण दीक्षित उर्फ रामू दीक्षित पुत्र दुर्गा प्रसाद, करनैलगंज थाना क्षेत्र के पूरे तिवारी गांव निवासिनी नगीना देवी पत्नी अशोक कुमार शुक्ला, एवं चांदनी पुत्री अशोक कुमार शुक्ला, करनैलगंज थाना बस्तीपुर नंदौर गांव निवासिनी राजदुलारी पत्नी कप्तान सिंह,एवं कलावती उर्फ पार्वती पत्नी महिपाल सिंह,करिश्मा उर्फ सपना उर्फ जुगुनू मां का नाम कलावती,महिपाल सिंह पुत्र अज्ञात, नगर कोतवाली क्षेत्र के केशवपुर पहाड़वा गांव निवासी संतोषी उर्फ संतोखी , नगर के दयानंद नगर निवासी मशरूफ उर्फ मसरूर अहमद पुत्र स्व जहूर अहमद खान, नगर क्षेत्र के जानकीनगर के रानी पुरवा निवासी ताज मोहम्मद पुत्र उल्फत अली, कानपुर जाजमऊ निवासिनी राजकुमारी पत्नी अशोक कुमार, धानेपुर थाना क्षेत्र के सिंहपुर गांव निवासी शिवम यादव पुत्र श्याम दिन यादव, देहात कोतवाली क्षेत्र के भदुआ तरहर निवासी स्वामीनाथ तिवारी पुत्र राधे कृष्ण तिवारी, नगर कोतवाली क्षेत्र के सर्वांगपुर गांव निवासी दयाराम तिवारी पुत्र राजनारायण तिवारी, देहात कोतवाली क्षेत्र के भदुआ तरहर गांव निवासी सुभाष चंद्र तिवारी राम दर्शन तिवारी, तत्कालीन उपनिबंधक तरबगंज सौरभ सिंह और तहसील तरबगंज के अज्ञात अधिकारी एवं कर्मचारी गण को आरोपी बनाते हुए इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है।


जमीन का हुआ घोटाला

आरोप है कि पीड़िता के पिता रामकृपाल का मानसिक संतुलन मृत्यु से लगभग 8 वर्ष पूर्व खराब हो गया था। पीड़िता के पिता की मृत्यु के पश्चात दिनांक 27.03.2002 को प्रार्थिनी के सगे भाई रक्षाराम का नाम जरिये वरासत खतौनी में दर्ज हो गया तथा  के सगे भाई रक्षाराम के नाबालिग होने के कारण उत्तर प्रदेश सरकार खतौनी में बतौर संरक्षक दर्ज हुआ। जब तक खतौनी में संरक्षण में उत्तर प्रदेश सरकार का नाम दर्ज था तब तक किसी ने रक्षाराम की जमीन हड़पने का प्रयास नहीं किया तथा उपरोक्त भूमि (आराजी) से सम्बन्धित एक खतौनी गाटा संख्या-1150 में वर्तमान में भी संरक्षक उत्तर प्रदेश सरकार दर्ज रहने के कारण व खतौनी दर्ज कागजात रक्षाराम के नाम से ही है। रक्षाराम के बालिग होने के उपरान्त रक्षाराम ने अपनी सगी बहन गुड्डी को वर्ष 2015 में रजिस्टर्ड वसीयतनामा कर दिया। 


इस तरह से गिरोह के संचालन का आरोप

आरोप है कि बृजेश कुमार अवस्थी जिले में संचालित भूमाफिया गैंग के सरगना हैं जो गोण्डा कचेहरी में वकील भी है व अपनी वकालत पेशे की आड़ में मजलूम, गरीब, असहाय, निरीह, वीरेन्द्र बहादुर विधवा लोगों की भूमि को जालसाजी से हड़पने का काम अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर करते हैं। इनके गैंग में जिला गोण्डा शातिर किस्म के अधिवक्ता शामिल हैं। अपने दुष्कृत्यों को अंजाम देने के लिए बृजेश कुमार अवस्थी के संगठन में अलग अलग थाना क्षेत्र के महिला पुरुष शामिल है। इनके गैंग में कुछ तहसील गोण्डा के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं तथा वह उनका अपने विरोधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं जो अब तक तमाम गरीब व सीधे-साधे लोगों की जमीनों को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर हड़प्प चुके हैं।


गैंग में महिला सदस्यों की भूमिका

 गैंग में सम्मिलित महिला सदस्यों का जमीन हड़पने में पर्याप्त सहयोग रहता है जो पीड़ित विरोध करता है उसके विरूद्व स्वयं वादी बनकर बलात्कार व छेड़खानी के झूठे मुकदमे पंजीकृत करा देती हैं ताकि कोई भी व्यक्ति गैंग के सदस्यों का विरोध न कर सके जिसके फलस्वरूप कई पीड़ित व्यक्ति फर्जी तरीके से जेल भी जा चुके हैं और कई मामलों में बाद में बाइज्जत बरी भी हो चुके हैं। 


फर्जी वसीयतनामा से जमीन हड़पने की साजिश

आरोप है कि रामकृपाल पुत्र भगवानदयाल ने अपने जीवनकाल में कोई वसीयत वर्ष 2002 के 15 जनवरी को किसी अफसर पर स्वामी नाथ तिवारी पुत्र राधेकृष्ण तिवारी निवासी ग्राम अदुवा तरहर के पक्ष में निष्पादित व पंजीकृत नहीं की है। पीड़िता के भाई की सारी आराजी को हड़पने के लिए फर्जी तरीके से स्वामी नाथ तिवारी ने अपने उपरोक्त भूमाफिया गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर उपरोक्त कूटरचित / फर्जी वसीयतनामा 15 जनवरी 2002 बनाकर जिसमें गवाह दयाराम तिवारी तथा सुभाषचन्द्र तिवारी व वेद प्रकाश द्विवेदी एडवोकेट लेखक हैं। चौदह साल के अन्तराल के पश्चात तत्समय सहायक उपनिबन्धक तरबगंज ने अनुचित लाभ लेकर व उपरोक्त भूमाफियाओं से सांठ-गांठ करके एकराय होकर दिनांक 8 नवंबर 2016 को तहसील तरबगंज के उपनिबन्धक कार्यालय में धारा 40 के अन्तर्गत पंजीकृत करा लिया । उपरोक्त सौरभ सिंह के द्वारा गोण्डा जनपद के समस्त उपनिबन्धक कार्यालयों (तैनाती स्थल) पर पांच सौ से अधिक मरणोपरान्त कूटरचित वसीयतनामे व दो सौ से अधिक कूटरचित बैनामों का पंजीकृत करके तनहा, विधवा, निरीह, गरीब जनता के हितों को समाप्त करके उपरोक्त भूमाफियाओं को समर्पित कर अथाह सम्पत्ति एकत्रित कर लेने के आरोप में निलम्बित किया गया है। 


एसआईटी से जांच उपरांत गैंगस्टर कार्यवाही की मांग

 तमाम फर्जी दस्तावेजों की अंकना करके पीड़िता व तमाम गरीब व निर्दोष लोगों की भूसम्पत्तियों को हड़पने का प्रयास करके पूरी व्यवस्था को चुनौती देने का काम जालसाजों द्वारा किया गया है, यह भी है कि परिवार रजिस्टर के हिसाब से स्व० रामकृपाल निरक्षर थे जबकि कूटरचित वसीयतनामे में रामकृपाल के फर्जी हस्ताक्षर विपक्षीगण द्वारा बनाये गये हैं व उपरोक्त स्वामीनाथ ने इसी फर्जी वसीयतनामे के आधार पर रामकृपाल और रामकृपाल के वारिसान पुत्र रक्षाराम की सारी आराजी तत्समय तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत करके एकतरफा नामान्तरण आदेश प्राप्त करके जिसमें कई नियमों को ताख पर रखकर अपने नाम करा ली। इसी दुख व सोच के कारण रक्षाराम की मृत्यु हो गयी । प्रार्थिनी की जीविका का एकमात्र सहारा ग्राम भदुवा तरहर गोण्डा में स्थित उपरोक्त भूमि को जनपद के भूमाफिया व कई अज्ञात जालसाज व्यक्तियों द्वारा कथित रूप से काफी उच्च स्तर की जालसाजी कर संगठित आपराधिक गिरोह के माध्यम से तत्समय उपनिबन्धक कार्यालय तरबगंज के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से हड़प लिया गया। अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि उपरोक्त घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट फ्राड में सामिल नामान्कित व अज्ञात अभियुक्तगण व अन्य जो भी दोषी हों के विरुद्व जालसाजी, धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज बनाने के लिए एवं प्रार्थिनी के साथ छल करने व छल से भूमि हड़पने के मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करके उपरोक्त सम्पूर्ण मामले की जच किसी निष्पक्ष जांच एसआईटी से कराने  एवं उपरोक्त संगठित भूमाफियाओं के विरूद्ध गैगेस्टर की कार्यवाही की मांग की है।


मामले में पुलिस ने दो दर्जन नामजद सहित अज्ञात तरबगंज तहसील के अधिकारियों के विरुद्ध  धारा 419,420,467,468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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