बनारसी मौर्या/ आशु तिवारी
नवाबगंज गोण्डा:'आओ आओ सुहागिन नारि कलश सिर धारण करो' प्रज्ञा गीत गाती हुई महिलाओं ने शनिवार को रामापुर में कलश यात्रा निकाली। पीले वस्त्र पहनकर चल रही महिलाओं ने समाज सुधार के नारे लगाए। इसी के साथ नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ और पावन प्रज्ञा पुराण की कथा का शुभारंभ हुआ।
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार से जुड़े कथा वाचक पंडित कैलाश नाथ त्रिपाठी ने महिलाओं को कलश के बारे में विस्तार से जानकारी दी। रामापुर स्थित गायत्री मंदिर में सुबह पीला वस्त्र धारण कर महिलाएं सिर पर कलश धारण कर मंगल-कलश यात्रा निकाली। इससे पहले कलश का वैदिक रीति व मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया। कलश यात्रा रामापुर ग्राम सभा का भ्रमण करते हुए वापस कार्यक्रम स्थल पहुंची। इस दौरान कलश यात्रा में नशा मुक्ति, बेटियों की शिक्षा, पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
पंडित कैलाश नाथ त्रिपाठी ने बताया कलश यात्रा की महिमा को विस्तार से बताते हुए कहा कि कलश यात्रा में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु व महेश के साथ-साथ 33 कोटि देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं। वहीं कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है वहीं की धरा स्वयं सिद्ध होती जाती है। जो अपने सिर पर कलश धारण करता है,उसकी आत्मा को ईश्वर पवित्र और निर्मल करते हुए अपनी शरण में ले लेते हैं।
5 अप्रैल तक प्रज्ञा पुराण कथा
नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ और श्रीमद पावन प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। पांच दिवसीय कार्यक्रम में सुबह 8:00 से 12:00 बजे तक हवन और संस्कार का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि यज्ञ में सभी कर्मकांड निशुल्क संपन्न कराए जाएंगे। शाम को 6:00 से लेकर 9:00 तक पावन प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन किया जाएगा।
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