सुनील उपाध्याय
बस्ती।जिले के दुबौलिया विकास खंड के उपाध्यायपुरा बैरागल मे चल रही श्री शतचंडी महायज्ञ के प्रथम दिवस की कथा में अवध धाम से पधारे पंडित राजकुमार शरणानंद जी महाराज ने कहा अमृत स्वरूप इस श्रीमद् देवी भागवत के श्रवण मात्र से पुत्र हीन मनुष्य पुत्र पा जाता है दरिद्री धनवान हो जाता है और रोग ग्रस्त प्राणी रोग से मुक्त हो जाता है इस पवित्र पुराण को सुनने से वंध्या स्त्री भी पुत्र प्राप्त करती है घर तीर्थरूप हो जाता है और पापों का नाश हो जाता है जो प्राणी अष्टमी नवमी अथवा चतुर्दशी इन तिथियों में इस पुराण को श्रद्धा पूर्वक पड़ता व सुनता है वह परम सिद्ध को प्राप्त करता है संसार में वह मानव धन्य है जिनके घर में परोपकार परायण तथा माता-पिता को सुख देने वाला पुत्र हुआ करता है कुपुत्र सेकुलर नष्ट हो जाता है यस नष्ट हो जाता है लौकिक और पारलौकिक भक्तों में दुख तथा नारकीय यातनाएं झेलनी पड़ती है कुपुत्र से वंश नष्ट हो जाता है दुष्ट पत्नी से जीवन नष्ट हो जाता है विकृत भोजन से दिन व्रत चला जाता है और दुरात्मा मित्र से सुख कहां से मिल सकता है इस अवसर पर आचार्य सुमंत्र कृष्ण शास्त्री मुख्य यजमान श्रीकांत उपाध्याय,हृदय राम पाठक, प्रेम प्रकाश उपाध्याय,सभापति उपाध्याय,कृष्ण मणि,राम प्रकाश, देवमणि उपाध्याय,उमापति उपाध्याय,त्रिशूल धर,बबलू,संतोष,प्रमोद,पिंटू,पंकज,रोहित,विवेक,अंकित,हर्षित,हिमांशु, अमन,शशांक आदि उपस्थित रहे।
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