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यह मुल्क हमारा अच्छा लगता है जैसे मां को अपना बच्चा अच्छा लगता है....



हण्डौर में 22वें राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में प्रेम व सद्भाव की बंधी समा 

कुलदीप तिवारी 

लालगंज प्रतापगढ़। हण्डौर स्थित आंचल पब्लिक स्कूल के समीप बाग में शनिवार की रात 22वें राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में कवियों और शायरों ने अपनी शानदार रचनाओं से प्रेम व सद्भाव के माहौल की रंगत को परवान चढ़ाया। 


सावित्री शैक्षिक एवं समाज कल्याण समिति के बैनर तले हुए कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने विभिन्न विधाओं के सुर को आगाज देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 


इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा नेता एवं लक्ष्मणपुर ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि राकेश सिंह तथा समाजसेवी आरएल चतुर्वेदी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया। 


कवयत्री रूचि द्विवेदी की मां सरस्वती की आराधना से शुरू हुए काव्य पाठ का आगाज देर रात तक बड़ी संख्या में मौजूद सुधी श्रोताओं को अपने आगोश में लिए दिखा। 


गजेंद्र सिंह विकट की गजल - ‘‘कुछ यूं पढ़ी बेटियां ही हमारी लहर की तरह, यह तो पावन है जैसे गंगाजल की तरह‘‘ पर जमकर तालियां बजीं। हाथरस जिले के ओज कवि मुनि राणा प्रताप सिंह ने वतन परस्ती का जोश भरा। 


कवयत्री अर्चना सिंह की रचना - ‘‘ पुण्य कर्मों का शुभ परिणाम है बेटी‘‘ ने बेटी बचाओ के सामाजिक सरोकार को दिशा दी। रूचि द्विवेदी की गजल - ‘‘जिन्दगी भर का साथ कब मांगा‘‘ को भी सराहा गया। 


शायर मखदूम फूलपुरी की शायरी - ‘‘यह मुल्क हमारा अच्छा लगता है जैसे मां को अपना बच्चा अच्छा लगता है‘‘ पर पूरा वातावरण वतन जिन्दाबाद से गूंज उठा। मुसव्विर फूलपुरी की शायरी भी मुशायरे को बेहतरीन आगाज दे गयी। 


हास्य कवि मधुप श्रीवास्तव की रचना भी लोगों को हंसी से गुदगुदाती दिखी। कवि सम्मेलन में डॉ. नागेंद्र अनुज, इं. चंद्रकांत त्रिपाठी, हरिवंश शुक्ला शौर्य, राधेश पांडेय, कल्पना तिवारी व लक्ष्मीकान्त कमलनयन ने भी रचनाओं से देश के माहौल पर सटीक प्रस्तुतिओं की दाद हासिल की। 


मुख्य अतिथि बीजेपी नेता राकेश सिंह ने कविता व शायरी को सद्भावना के माहौल को बनाए रखने में अप्रतिम ठहराया। ग्राम प्रधान नीतेश सिंह वीरू ने स्वागत तथा कार्यक्रम के संयोजक अनूप त्रिपाठी ने कवि सम्मेलन व मुशायरे के ध्येय पर प्रकाश डाला। 


साहित्यकार संजय शुक्ला एवं सांसद प्रमोद तिवारी के मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल व वरिष्ठ अधिवक्ता देवी प्रसाद मिश्र एवं देशसेवक डब्बू ने अपने उद्बोधन में साहित्य के जरिए सामाजिक सरोकार की मजबूती पर प्रकाश डाला। 


इस मौके पर संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, डॉ. बच्चा बाबू वर्मा, आलोक कुशवाहा, राजेश मिश्र, जयसिंह, इंद्रजीत सिंह, प्रकाश त्रिपाठी, शिवम त्रिपाठी, आलोक त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

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