उमेश तिवारी
नेपाल सरकार ने भारत, नेपाल, चीन की त्रिदेशीय सीमा को जोड़ने वाली सड़क महाकाली कॉरिडोर के लिए पैंतालीस करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया है। राशि मिलने के बाद कॉरिडोर का निर्माण तेजी से होगा।
नेपाल सरकार ने वर्ष 2009 में काली नदी किनारे कंचनपुर जिले के ब्रह्मदेव से दार्चुला के त्रिदेशीय सीमा पिलर नंबर एक तिंकर तक 425 किमी लंबा महाकाली कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया था।
विभाग की ओर से कॉरिडोर को वर्ष 2025 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। महाकाली कॉरिडोर काली नदी पर निर्माणाधीन पंचेश्वर बांध डूब क्षेत्र के ऊपर से बन रहा है। यह कॉरिडोर कंचनपुर जिले के ब्रह्मदेव से डडेलधुरा, बैतड़ी होकर दार्चूला जिले के तिंकर तक बन रहा है।
अब नेपाल का सड़क विभाग कंचनपुर जिले के ब्रह्मदेव से दार्चुला के निखारपानी तक 334 किमी लंबी सड़क बनवा रहा है। निखारपानी से तिंकर तक 91 किमी का काम सरकार ने नेपाली सेना को दिया है।
ब्रह्मदेव से दार्चुला के निखारपानी तक 334 किमी में से 256 किमी में पहले चरण का काम किया गया है। निखारपानी से तिंकर तक 91 किमी में भी पहले चरण का काम किया जा रहा है। महाकाली कॉरिडोर बनने से नेपाल का भारत और चीन के साथ व्यापार बढ़ेगा।
यातायात की दूरी कम होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह कॉरिडोर सीमा की सुरक्षा के लिए भी लाभदायक होगा।
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