Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

बंगाली झोलाछाप डॉक्टर ले रहे मरीजो की जान, प्रत्येक गांव में झोलाछाप डॉक्टर



दिनेश कुमार गुप्ता 

 बिहार पटना झोलाछाप बंगाली डॉक्टरों के इलाज से आए दिन कोई न कोई मरीज मौत के मुंह में जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग उन पर अंकुश लगाने में नाकाम है। विभाग के पास ऐसे डॉक्टरों की अनुमानित संख्या तक नहीं है। ऐसे में कार्रवाई तो दूर, उनकी पहचान करने में ही काफी वक्त लग सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या घटने के बजाए दिनोंदिन बढ़ रही है। गांवों व कस्बों में स्वास्थ्य केंद्रों की कमी कहीं न कहीं ऐसे डॉक्टरों के पनपने का कारण बन रही है। 


जिले में इलाज के लिए सरकारी स्तर पर जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से अधिकांश में उपकरण, चिकित्सक व स्टाफ की कमी है। जहां चिकित्सक मानकों के अनुरूप हैं, वहां मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि चाहकर भी लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता। यहीं, वजह है कि गांव व कस्बों की आबादी झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करने के लिए विवश है। झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या की सही जानकारी इसलिए पता नहीं चल पाती है कि ऐसे डॉक्टर कार्रवाई के डर से एक जगह ज्यादा दिनों तक टिक कर नहीं रहते।


प्रत्येक गांव में झोलाछाप डॉक्टर

विशेषज्ञों की मानें तो बंगाली क्लीनिक चलाने वाले लगभग 90 प्रतिशत डॉक्टरों के पास कोई डिग्री नहीं होती। इसके अलावा कई डॉक्टर ऐसे भी हैं जो कोई डिग्री न होने के बावजूद मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। गांवों में विभिन्न नामों से झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें चल रही हैं।


जांच के दौरान कई बार आई मारपीट की नौबत

स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा झोलाछाप बंगाली डॉक्टरों के खिलाफ चलाए गए अभियान के समय कई बार मारपीट की नौबत आई है, क्योंकि ऐसे डॉक्टरों के उपर दबंगों छुटभैया नेताओ की कृपा रहती है। लिहाजा दूरस्थ गांव में विभाग की जांच टीम भी जाने से डरती है ये बंगाली डॉक्टर अपने अवैध कमाई से छुटभैया नेताओ की बोटी और रोटी की बेवस्था करते है।

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे