उमेश तिवारी
महराजगंज जनपद में महाव नाले का तटबंध टूटने के मामले में PWD के ठेकेदार की बड़ी लापरवाही बताई जा रही है। बाढ़ के पानी से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।
बताते चलें कि महराजगंज जनपद के चर्चित महाव नाले के तटबंद टूटने के 24 घंटे बाद इस मामले में PWD के ठेकेदार की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। तटबंध टूटने से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहे हैं। इधर किसान हताश और परेशान है। दूसरी तरफ मामले में अब भी कई जिम्मेदार मूक दर्शक बने हुए हैं। किसानों और स्थानीय लोगों द्वारा तटबंध टूटने के मामले में लापरवाह लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
15 जून तक तक बनना था पुल
खबर के मुताबिक इंडो-नेपाल डेबलमेंट प्रोजेक्ट के तहत क्षेत्र में जो सड़क बन रही है उसी सड़क पर महाव नाले के ऊपर एक पुल निर्माण हो रहा है। सिंचाई विभाग के अफसरों ने PWD के अधिकारी और ठेकेदार को बरसात का हवाला देते हुए 15 जून तक इस पुल के निर्माण को अंतिम रूप देने को कहा था। लेकिन ठेकेदार की मनमानी और अफसरों की लेट-लतीफी के कारण यहां का तटबंध टूट गया, जिसका खामियाजा निरीह किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन को नोटिस जारी
महाव नाले पर PWD द्वारा पुल निर्माण में धांधली और ठेकेदार की लापरवाही के बाद महाव नाले का तटबंध टूटने की खबर मीडिया में आने के बाद जिम्मेदारों की कारगुजारी सामने आ गई। सबसे बड़ा सवाल यह कि जब 15 जून तक काम को समाप्त करना था तो इसमें लेट लतीफी क्यों हुआ? अब इस मामले को लेकर PWD ने इसके लिए जिम्मेदारी सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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