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गन्ना समिति ऐरा में शुरू हुआ सट्टा प्रदर्शन मेला,किसी की बदली वेरायटी,किसी का छूट गया सर्वे



आयुष मौर्या 

धौरहरा खीरी:गन्ना समिति ऐरा में सोमवार को भारी अव्यवस्थाओं के बीच दस दिवसीय किसान गन्ना सर्वे सट्टा प्रदर्शन मेला शुरू कर दिया गया, जहां पहले ही दिन बड़ी संख्या में पहुचे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ गया। प्रदर्शन केंद्र में न तो किसानों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था की गई न ही पानी के साथ मे गिलास उपलब्ध करवाए गए। यही नहीं एक तरफ चीनी मिल द्वारा लिए गए गन्ने का पूरा भुगतान समिति किसानों को दिलवा नहीं सकी उल्टे पहले ही दिन 170 रुपये की जैविक खाद लेने के लिए मजबूर कर दिया गया,जिसको लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त है।

गन्ना समिति ऐरा ने क्षेत्र के किसानों के गन्ने को आगामी पेराई सत्र 2023-24 के लिए किए गए गन्ना सर्वे को लेकर सोमवार को दस दिवसीय सट्टा प्रदर्शन का कार्य शुरू कर दिया। जहां समिति में बनी नई बिल्डिंग के दो हालों में गन्ना पर्यवेक्षकों ने किसानों का विवरण लेकर मुस्तैद तो हो गए पर यहाँ बड़ी संख्या में पहुचने वाले किसानों के लिए उठने बैठने की व्यवस्था न होने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड गया। जिसको लेकर किसानों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि इससे पूर्व इस तरह से कभी प्रदर्शन नहीं हुआ था।

धूप में रखा गया पानी,किसानों को गिलास तक नहीं हुए नसीब

गन्ना समिति ऐरा में नई बिल्डिंग के दो हालों में लगे सट्टा प्रदर्शन के बाहर जिम्मेदारों ने कड़ी धूप में पीने के लिए पानी की टंकियां रखवा तो दी पर वहां किसानों के लिए न तो जग ही रखवाए गए न ही गिलास उपलब्ध करवाए गए। इस बाबत किसान रमेश,कपिल,अश्वनी,संजय आदि ने बताया कि इस बार समिति के जिम्मेदार किसानों को लेकर गंभीर दिखाई नहीं पड़ रहे,यहाँ इतनी कड़ी धूप के बावजूद भी पीने के लिए रखा गया पानी धूप में रखवा दिया गया जहां न तो कोई जग ही है न ही गिलास नसीब हो रहे है जिसमें पानी तक पीने में दिक्कत हो रही है। हालांकि इसकी जानकारी होते ही जेष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक घनश्याम सिंह ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेकर पानी की टंकियों के पास गिलास मंगवाकर रखवा दिया जिससे किसानों को कुछ राहत मिल सकी।

किसी की बदली वेरायटी किसी का छूटा गन्ना सर्वे

समिति के हाल में लगाए गए सट्टा प्रदर्शन में किसानों के पहुचे पर इधर उधर के लड़कों को लगाकर करवाया गए सर्वे में कई कमियां देखने को मिली जिनको सही करवाने के किसानों को इधर उधर भागदौड़ करनी पड़ रही है। इस बाबत किसान रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि उन्होंने इस बार चीनी मिल से गन्ने की नई प्रजाति 14201 का महंगा बीज लेकर करीब एक एकड़ गन्ना बोया था जिसका सर्वे स्वयं गन्ना पर्यवेक्षक करने न आकर एक क्षेत्रीय लड़के को भेजकर करवाया था। उस दौरान उन्होंने गन्ने की नई वेरायटी के बारे में उसे बताया भी था बावजूद उसने मनमाने तरीके से दूसरी वेरायटी सीओ 0238 डालकर उनकी भागदौड़ बढ़ा दी है। यही नहीं इस तरह से बड़ी संख्या में किसानों के खेतों में खड़े गन्ने की वेरायटी बदलने के साथ किसानों का गन्ना सर्वे भी छोड़ दिया गया जिसकी वजह से किसानो को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

170 रुपये की खाद खरीदो वरना नहीं लिया जाएगा प्रार्थना पत्र

गन्ना समिति ऐरा में किसानों के लिए लगाए गए सट्टा प्रदर्शन मेले में अपनी समस्या का निस्तारण करवाने के लिए पहुचे किसानों को उस समय मायूस होना पड़ गए जब लगे काउंटरों पर पहुचने पर उन्हें मौजूद बाबुओं व गन्ना पर्यवेक्षकों ने हर एक सट्टे पर इफ्को कंपनी की एक बोतल जैविक खाद लेने पर ही प्रार्थना पत्र जमा करने की शर्त रख दी गई जिसकी कीमत 170 रुपये प्रति बोतल है। जिसको सुनकर अधिकतर किसान अचरज में पड़ गए। इस दौरान दवाई लेने मे अस्मर्थ किसानों ने बताया कि अभी पिछले सत्र में चीनी मिल को दिए गए गन्ने का बकाया भुगतान मिला नहीं उल्टे समिति द्वारा 170 रुपये की दवाई लेने का भार लाद दिया गया है,जिस दवा को लेने में असमर्थता जताने वाले कई किसानों से समस्या का निस्तारण करने के लिए दिया जाने वाला प्रार्थना पत्र न लेकर उच्च अधिकारियों से बात करने को कह अपना पल्ला झाड़ लिया गया। वही

इस बाबत जब डीसीओ खीरी वेद प्रकाश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जैविक या अन्य कोई भी खाद लेने के लिए किसी किसानों को बाध्य नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा हो रहा है तो गलत है,मैं मामले को लेकर तत्काल समिति के जिम्मेदारों से बात कर बेंची जा रही खाद बिक्री पर रोक लगाऊँगा। फिलहाल कुछ भी हो गन्ना समिति में फैली अव्यवस्था को लेकर किसानों में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है

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