उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में जन्मे मुख्तार अंसारी का जीवन एक रोमांचक फिल्म की कहानी से कम नहीं था। सफेद हाथी पर सवार होकर विधायक बनने से लेकर 62 मुकदमों और 8 सजाओं तक, उनका सफर अपराध, राजनीति और शक्ति का मिश्रण था। 29 मार्च, 2024 को बांदा जेल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु ने कई सवालों को जन्म दिया है, जिनके जवाब शायद हमेशा के लिए दफन हो गए हैं।
हत्या, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट:
मुख्तार अंसारी पर हत्या, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न आरोपों के 62 मुकदमे दर्ज थे। 8 मामलों में उन्हें सजा भी मिल चुकी थी, और 53 मामले अभी भी कोर्ट में चल रहे थे। 17 साल तक जेल में बंद रहने के बावजूद, उन्होंने 5 बार विधायक का पद संभाला, 3 बार जेल से चुनाव जीता।
हाथी की सवारी:
1996 में बसपा के टिकट पर पहली बार विधायक बनने के बाद, मुख्तार अंसारी का जीवन हमेशा के लिए बदल गया। एक हाथी पर सवार होकर चुनाव प्रचार करने वाले मुख्तार अंसारी की पहचान बन गई। उनके काफिले में 786 नंबर वाली कारों का काफिला और एक खुली सफेद जिप्सी हमेशा शामिल रहती थी।
अधूरे सपने:
मुख्तार अंसारी की मृत्यु ने कई सपनों को अधूरा छोड़ दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिकने वाली एसयूवी "हमर" को अपने काफिले में शामिल करना, राजनीति में अपनी पत्नी अफशां अंसारी और बेटे अब्बास अंसारी को आगे बढ़ाना, ये सभी सपने अब कभी पूरे नहीं हो पाएंगे।
दफन राज:
मुख्तार अंसारी की मृत्यु ने कई राजों को भी दफन कर दिया। कोर्ट में चल रहे 53 मामलों का फैसला क्या होता? कितने मामलों में मुख्तार अंसारी दोषी थे? उनकी राजनीतिक सफलता के पीछे क्या राज थे? ये सभी सवाल अब हमेशा के लिए रहस्य बने रहेंगे।
एक विवादास्पद व्यक्तित्व:
मुख्तार अंसारी एक विवादास्पद व्यक्ति थे, जिनके जीवन में अपराध, राजनीति और शक्ति का मिश्रण था। उनकी मृत्यु ने कई सवालों को जन्म दिया है, जिनके जवाब शायद हमेशा के लिए दफन हो गए हैं।
कहा जाए तो मुख्तार अंसारी का जीवन एक रोमांचक कहानी के जैसा था जिसमें अपराध, राजनीति, शक्ति, सपने और राज शामिल थे। उनकी मृत्यु ने एक युग का अंत कर दिया है, लेकिन उनके जीवन के कई पहलू हमेशा के लिए रहस्य बने रहेंगे।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ