BALRAMPUR...एमएलके कॉलेज में तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन | CRIME JUNCTION BALRAMPUR...एमएलके कॉलेज में तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन
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BALRAMPUR...एमएलके कॉलेज में तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एम.एल.के.पी.जी. कॉलेज के आईक्यूएसी और केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा "लाइब्रेरी ऑटोमेशन" पर तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन सोमवार को हो गया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुस्तकालय प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण करना था।


16 सितंबर को एमएलके पीजी कॉलेज में चल रहे तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया । उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) आर.के. मोहन्ता ने की, जिन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में आधुनिक प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के महत्व पर महत्वपूर्ण जानकारी दी । प्राचार्य प्रो. जे.पी. पांडे ने अपने मार्गदर्शन भाषण में पुस्तकालय संसाधनों के प्रबंधन में दक्षता में सुधार करने और उन्हें छात्रों और शिक्षकों के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए स्वचालित प्रणालियों की बढ़ती आवश्यकता पर प्रकाश डाला ।कार्यशाला की संयोजक डॉ. हेमा ने आज के डिजिटल युग में कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर जोर दिया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. स्वदेश भट्ट ने सुनिश्चित किया कि कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग दोनों प्रदान करने के लिए आयोजित की गई थी। आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो. तबस्सुम फरखी ने इस बात पर जोर दिया कि पुस्तकालय ऑटोमेशन एनएएसी के उद्देश्यों के साथ कैसे जुड़ा हुआ है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर राकेश जैन, नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ थे । मुख्य वक्ता प्रमोद दीक्षित, नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ के विजिटिंग फैकल्टी सदस्य और साइबर विशेषज्ञ, ने ऑटोमेशन प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर एक व्यावहारिक सत्र आयोजित किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि ऑटोमेशन पुस्तकालयों के कामकाज के तरीके में कैसे क्रांति ला सकता है। श्री दीक्षित ने पुस्तकों को सिस्टम में फीड करने, उन्हें स्वचालित तरीकों से जारी करने और पुस्तकालय संसाधनों तक निर्बाध पहुँच के लिए ऑनलाइन पब्लिक एक्सेस कैटलॉग (ओपीएसी) का उपयोग करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे ओपीएसी छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए एक्सेस प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे पुस्तकालय प्रबंधन अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल और कुशल हो जाता है। कार्यशाला में पुस्तकालय के सभी कर्मचारियों उपस्थित रहे, जिन्होंने चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया। सत्रों का उद्देश्य उन्हें स्वचालित पुस्तकालय प्रणालियों को संभालने के लिए आवश्यक ज्ञान से लैस करना था। कार्यशाला के पहले दिन ने अगले दो दिनों के लिए एक मजबूत नींव रखी, जिसमें पुस्तकालय कर्मचारियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने और संस्थान के शैक्षणिक बुनियादी ढांचे के समग्र विकास में योगदान देने की बात कही गयी। कार्यशाला के दूसरे दिन अभिषेक सिंह, विभागाध्यक्ष बीसीए ने लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर के सन्दर्भ में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सॉफ्टवेयर का व्यवहारिक रूप से उपयोग करना सिखाया । कार्यशाला के समापन के अवसर पर प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव बी के सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज का समय तकनीक का समय है, जिसके उपयोग से कार्यक्षमता प्रभावी रूप से बढ़ाई जा सकती है, और लाइब्रेरी ऑटोमेशन का यह प्रयास उसी दिशा में महाविद्यालय का एक सफल कदम है। अंत में आईक्यूएसी सदस्य डॉ. सद्गुरु प्रकाश के धन्यवाद ज्ञापन के साथ तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ।

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