अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित 02 एमएलके पीजी कॉलेज में संस्थापक सप्ताह 2025 के अंतर्गत रविवार को आशुकविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का विषय "एक छोटी सी तमन्ना" रखा गया, जिसमें छात्रों ने अपने विचारों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय सभागार में किया गया, जिसमें शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उत्साहजनक भागीदारी रही।
2 फरवरी को एमएलके कॉलेज सभागार में आयोजित आशु कविता प्रतियोगिता का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. जेपी पाण्डेय के निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम का सफल संयोजन डॉ. राम रहीस, असिस्टेंट प्रोफेसर, बी.एड. विभाग द्वारा किया गया। निर्णायक मंडल में प्रो. विमल प्रकाश वर्मा (सुआक्टा अध्यक्ष), मो. तारिक कबीर (विभागाध्यक्ष, उर्दू), और डॉ. बी.एल. गुप्ता (अंग्रेजी विभाग) शामिल रहे। प्रतियोगिता में कुल 21 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें खुशबू तिवारी (बी.एड. प्रथम वर्ष) ने प्रथम स्थान, अतुल मिश्र (बी.एड. प्रथम वर्ष) ने द्वितीय स्थान, तथा साध्वी द्विवेदी (एम.एस.सी. प्रथम वर्ष) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राम रहीस, बी.एड. विभाग द्वारा किया गया । कार्यक्रम में में शिक्षकों द्वारा भी उत्कृष्ट काव्य पाठ किया गया। काव्य पाठ करने वाले शिक्षकों में प्रो. वीणा सिंह (विभागाध्यक्ष गणित), प्रो. विमल प्रकाश वर्मा (सुआक्टा अध्यक्ष), डॉ. अनामिका सिंह (सांस्कृतिक निदेशक), मो. तारिक कबीर (विभागाध्यक्ष उर्दू) , डॉ. बी.एल. गुप्ता, एवं डॉ. देवेन्द्र कुमार चौहान प्रमुख रहे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के कई शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । इस अवसर पर प्रो. राघवेन्द्र सिंह (मुख्य नियंता), प्रो. रेखा विश्वकर्मा, डॉ. राम आसरे गौतम, डॉ. प्रखर त्रिपाठी, डॉ. अजहरुद्दीन, डॉ. कमलेश शाक्य, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. संदीप कुमार यादव, डॉ. अमित कुमार, डॉ. रिंकू जी, डॉ. राहुल कुमार, डॉ. आर.के. शुक्ल, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. अभय नाथ ठाकुर, डॉ. सुनील शुक्ल, डॉ. के. के. मिश्र, डॉ. ए.के. दीक्षित, डॉ. पूजा मिश्र, एवं डॉ. प्राची सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ. राम रहीस ने सभी प्रतिभागियों, निर्णायक मंडल एवं उपस्थित शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन में कुल 155 शिक्षक एवं शिक्षार्थी उपस्थित रहे। संपूर्ण कार्यक्रम अत्यंत प्रेरणादायक एवं सफल रहा, जिससे विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति को सशक्त करने का एक सशक्त मंच मिला।
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