उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में पिता और भाई की हत्या कर फरार अजय यादव ने पुलिस के सामने खुद को गोली मार ली। गांव वालों का दावा,ये आत्महत्या नहीं, पुलिस का एनकाउंटर है। जानिए पूरा मामला।
72 घंटे की तलाश के बाद मिली लाश: लेकिन कहानी में है कई मोड़
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद का सहरी गांव, जो अभी तक शांत गांव माना जाता था, अब पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। बीते रविवार को दोहरे हत्याकांड से दहला यह गांव मंगलवार शाम एक और सनसनी का गवाह बना-जब उसी आरोपी अजय यादव ने पुलिस की मौजूदगी में कथित रूप से खुद को गोली मार ली।
तमंचा उठाया और जिंदगी खत्म कर दी
पुलिस का दावा है कि 5:30 बजे शाम, जब अजय का भांजा किताब लेने घर आया, उसी वक्त पुलिस भी वहां पहुंची। जैसे ही दरवाजा खुला, अजय अचानक एक कमरे से निकला और गैलरी में जाकर कनपटी पर गोली मार ली। पुलिस का कहना है कि उसके पास एक तमंचा था और यह खुदकुशी है। मगर गांववालों के मुताबिक ये कोई आत्महत्या नहीं बल्कि एक सुनियोजित एनकाउंटर है।
कैमरे में कैद हुआ मंजर, पर वीडियो गायब करवा दिए गए?
स्थानीय लोगों का दावा है कि घटना का पूरा दृश्य कई लोगों ने मोबाइल में रिकॉर्ड किया था, लेकिन बाद में पुलिस ने दबाव बनाकर वीडियो डिलीट करवा दिए। इससे संदेह और गहरा गया है कि कहीं यह एनकाउंटर का मामला तो नहीं?
मरने से पहले छोटे भाई से मिला और फूट-फूट कर रोया
दिल्ली से गांव आए मृतक के छोटे भाई विजय यादव ने बताया कि अजय उससे मिला था, गले लगा और बच्चों की तरह रो पड़ा। उसने कहा, "भैया, मैंने गलती कर दी, बहुत पछता रहा हूं। मुझे उस वक्त भड़काया गया था।"
"मुझे उकसाया गया था, शराब और हथियार दिए गए"
विजय के अनुसार, अजय ने मरने से पहले चार नाम संत राम शुक्ला, श्याम सिंह, राजदेव और अशोक सिंह लिए। उसने कहा कि इन लोगों ने उसे शराब पिलाई, मानसिक रूप से तैयार किया और हत्या के लिए हथियार तक दिए। कहा गया था, "तू मार, बाकी हम संभाल लेंगे।"
हत्या के पीछे क्या कोई बड़ी साजिश थी?
रविवार को हुए जघन्य कांड में अजय ने अपने ही बड़े भाई सत्य प्रकाश यादव (पूर्व प्रधान) और पिता काशीराम यादव को गोली मार दी थी। 24 घंटे में ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन क्या ये सब अजय ने अपने मन से किया या किसी के इशारे पर?
पत्नी, रिश्तेदार और साजिश में शामिल लोग गिरफ्तार
हत्या के बाद फरार चल रहे अजय को शरण देने और पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में उसकी पत्नी सुनीता यादव, अयोध्या निवासी अमरबहादुर यादव और बीकापुर के अरविंद यादव को जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है।
मौके से बरामद हुए दो असलहा खोखे, फिर सवाल क्यों नहीं उठते?
पुलिस को घटनास्थल से 9 एमएम और 32 एमएम के कारतूस के खोखे मिले। सवाल उठता है-इतने खतरनाक हथियार आखिर अजय यादव तक पहुंचे कैसे? क्या इसमें कोई राजनीतिक या आपराधिक गठजोड़ है?
परिवार बिखर गया, मासूम बच्चों को ननिहाल भेजा गया
अजय की पत्नी के जेल जाने के बाद उसके दोनों नाबालिग बच्चों को ननिहाल भेज दिया गया है। इधर, मृतक सत्य प्रकाश की बेटी सृष्टि और बेटे रितेश ने पुलिस को एक तहरीर दी है जिसमें कई नए नाम सामने आए हैं। लेकिन हैरानी की बात ये है कि 24 घंटे बीतने के बावजूद FIR में उन्हें शामिल नहीं किया गया।
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