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इश्क और जलन का खूनी खेल: पहली पत्नी ने दूसरी पत्नी की हत्या की

बस्ती जिले के मिश्रौलिया गांव में रिश्तों की कड़वाहट ने खूनी मोड़ ले लिया। पति की पहली पत्नी ने बेटी और पति के साथ मिलकर दूसरी पत्नी का दुपट्टे से गला घोंट दिया। पढ़िए पूरा सनसनीखेज मामला।



बस्ती में इश्क, जलन और कत्ल का खूनी खेल: पहली बीवी ने दूसरी बीवी को दुपट्टे से उतारा मौत के घाट

बस्ती:प्यार, शादी और फिर जलन... और आखिरकार खूनी अंजाम। बस्ती जिले के मिश्रौलिया गांव से एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है, जहां एक पति की दो पत्नियों के बीच बंटे रिश्तों ने ऐसा तांडव मचाया कि एक की जान चली गई और बाकी सलाखों के पीछे पहुंच गए।


मामला कुछ यूं था कि नौहर चौधरी ने पहले तो बड़ी धूमधाम से विद्यावती से शादी रचाई थी, घर बसा, बेटी लक्ष्मी पैदा हुई। फिर अचानक इश्क का दूसरा अध्याय खुला - इस बार एक मंदिर में सुनीता नाम की महिला से चुपके से शादी कर ली। सुनीता भी खुश थी, नौहर भी खुश... मगर पहली बीवी विद्यावती और बेटी लक्ष्मी के सीने पर यह दूसरी शादी अंगारे की तरह धधक रही थी।


समस्याएं यहीं नहीं रुकीं।

दूसरी पत्नी सुनीता अक्सर बीमार रहने लगी। उसका इलाज, दवा, खर्च - सबकुछ नौहर की जेब से उड़ने लगा। और जब पैसे उड़ते हैं, तो रिश्तों में भी दरारें पड़नी तय हैं। पहली पत्नी विद्यावती और बेटी लक्ष्मी को लगने लगा कि सुनीता तो अब उनके हिस्से का सुख भी चूस रही है।


24 अप्रैल को सुनीता जब एक बार फिर पैसे लेने घर आई, तो विद्यावती और लक्ष्मी का गुस्सा फूट पड़ा। दोनों ने पति नौहर के साथ मिलकर एक भयानक साजिश रची। सुनीता को बुलाया, खूब मारा-पीटा और फिर कमरे में ले जाकर दुपट्टे से उसका गला कस दिया। एक दुपट्टे ने दो प्यारों के बीच जलन की गांठ को हमेशा के लिए खोल दिया - सुनीता अब इस दुनिया में नहीं रही।


हत्या के बाद गांव में हड़कंप मच गया।

पुलिस ने तेज़ी से जांच शुरू की और हत्याकांड का राज खोलते हुए नौहर, विद्यावती और लक्ष्मी - तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

सीओ सत्येंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त दुपट्टा (आला कत्ल) भी बरामद कर लिया गया है। तीनों आरोपी अब सलाखों के पीछे हैं, जहां उन्हें अपने फैसले की कीमत जिंदगी भर चुकानी होगी।


इस सनसनीखेज वारदात ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रिश्तों में जब प्यार की जगह स्वार्थ और जलन घर कर लेती है, तो घर आंगन कब कब्रगाह बन जाए - कहना मुश्किल है।

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