मथुरा में कारोबारी हेमेन्द्र गर्ग की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे में सुलझा ली। ज़मीन विवाद के चलते दो सगे भाइयों ने रची थी साजिश, हत्या के लिए हथियार और शूटर्स तक जुटाए।
मौत की पटकथा: ज़मीन की खातिर कारोबारी की हत्या, मास्टरमाइंड दो सगे भाई निकले
मथुरा : 23 अप्रैल की रात मोक्षधाम की चुप्पी अचानक गोलियों की गूंज से टूट गई। एक जानी-मानी कारोबारी हस्ती हेमेन्द्र गर्ग की सरेराह हत्या कर दी गई। और महज 24 घंटे में पुलिस ने उस रहस्य से पर्दा उठा दिया जो एक सुनियोजित हत्या की ओर इशारा कर रहा था-जिसके पीछे की वजह थी: ज़मीन, ज़िद और ज़हर।
जमीनी रंजिश बनी कत्ल की वजह
हेमेन्द्र गर्ग का नाम मथुरा के कारोबारी गलियारों में खासा जाना-पहचाना था। लेकिन यही पहचान उनकी मौत का कारण बन गई। आरोपी सगे भाई-योगेश और राजन, जो मिठाई और दूध का व्यापार करते थे- ने एक बड़ी ज़मीन का सौदा किया था। लेकिन उस ज़मीन को लेकर लगातार एक व्यक्ति से टकराव हो रहा था: हेमेन्द्र गर्ग।
हेमेन्द्र, प्रशासन से लेकर राजस्व विभाग तक हर जगह इन भाइयों के खिलाफ शिकायती पत्र पहुंचा रहे थे। ये सिलसिला महीनों से जारी था, लेकिन पिछले 10-15 दिनों से स्थिति और ज़्यादा तनावपूर्ण हो गई थी।
साजिश: चाय की दुकान से उठी, मोक्षधाम पर खत्म हुई
आरोपियों ने अपने प्लॉट पर रखे गए चौकीदार राकेश से संपर्क साधा, जो कि वहीं चाय की दुकान भी चलाता था। राकेश ने उन्हें विनोद सैनी नामक युवक से मिलवाया, जिसने हत्या के लिए तमंचा और कारतूस उपलब्ध कराए।
गोली चलाने वाले लड़कों को राकेश ने मोक्षधाम के पीछे रहने वाली बस्ती से बुलाया। 23 अप्रैल को, जैसे ही हेमेन्द्र सिचाई विभाग के अधिकारियों के साथ प्लॉट पर पहुंचे, आरोपियों ने हत्या की योजना को अंजाम देने का आदेश दे दिया। और उसी रात, मोक्षधाम पर हेमेन्द्र गर्ग की हत्या कर दी गई।
गिरफ्तारी: CCTV, CDR और तकनीकी साक्ष्यों से सुलझी गुत्थी
थाना गोविंद नगर पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का 24 घंटे के भीतर खुलासा करते हुए 25 अप्रैल को दो मुख्य आरोपियों-योगेश और राजन को गिरफ्तार कर लिया।
जांच टीम में शामिल थे:
प्रभारी निरीक्षक कमलेश सिंह, उपनिरीक्षक विकास कुमार, राकेश यादव (SOG), सोनू भाटी (SWAT), अरुण त्यागी, रिकेश शर्मा, महेन्द्र सिंह, हरिओम त्यागी, और अन्य अधिकारीगण।
न्याय की राह पर पुलिस, लेकिन कई सवाल अब भी बाकी
इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने अद्भुत तेजी और तकनीकी दक्षता का परिचय दिया है। मगर सवाल यह है कि हत्या को अंजाम देने वाले लड़के कौन थे? क्या वो भी जल्द गिरफ्त में होंगे? और क्या राकेश और विनोद सैनी को भी गिरफ्तार किया जाएगा?
जो ज़मीन पर शुरू हुआ था, वो मोक्षधाम पर खत्म हो गया-लेकिन कहानी अब भी पूरी नहीं हुई...
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