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अवसाद से जूझती छात्रा वंशिका ने छात्रावास में फांसी लगाकर दी जान

ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में बीए की छात्रा वंशिका अरोड़ा ने अवसाद के चलते छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पढ़ें पूरी खबर।



ग्रेटर नोएडा: अकेलेपन की गहरी खाई में डूब गई वंशिका, छात्रावास के कमरे में दुपट्टे से लगाई फांसी

ग्रेटर नोएडा से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की बीए ऑनर्स पॉलिटिकल साइंस की छात्रा वंशिका अरोड़ा ने शनिवार रात अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली।

कानपुर के किदवई नगर की रहने वाली 20 वर्षीय वंशिका, पिछले कुछ समय से मानसिक अवसाद से जूझ रही थी और इलाज भी ले रही थी। उसके कमरे से बरामद सुसाइड नोट ने उसकी टूटी हुई मानसिक स्थिति का दिल दहला देने वाला सच उजागर किया है।


कमरे में अकेलेपन का सन्नाटा, फंदे से झूलती मिली मासूम जिंदगी


विश्वविद्यालय के छात्रावास में दिन में उपस्थिति के दौरान वंशिका मौजूद थी, लेकिन शाम की अटेंडेंस में अनुपस्थित पाई गई। जब रात साढ़े नौ बजे अंतिम सत्यापन के समय भी वंशिका नहीं दिखी, तो वार्डन ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा भीतर से बंद था।

अन्य छात्राओं की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो सबकी रूह कांप गई - वंशिका अपने दुपट्टे से पंखे पर झूल रही थी। घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने टेंशन और अवसाद का ज़िक्र किया था।


एकाकी जीवन, चुप्पी और अंतहीन उदासी


पुलिस जांच में सामने आया कि वंशिका बेहद गुमसुम स्वभाव की थी। वह कक्षा की अन्य छात्राओं से बातचीत से बचती थी और उपस्थिति दर्ज कराकर तुरंत अपने कमरे में बंद हो जाती थी।

करीब डेढ़ महीने से उसने अपने साथियों से बातचीत लगभग पूरी तरह बंद कर दी थी। पूछने पर भी वह जवाब नहीं देती थी। सुसाइड नोट में उसने लिखा -

"मैं खुद से भी खुश नहीं हूं, इस बोझ को अब और नहीं ढो सकती।"


सुसाइड नोट से खुले राज, चल रहा था मानसिक इलाज


वंशिका का इलाज चल रहा था और वह नियमित रूप से दवाइयां ले रही थी। पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया मामला अवसादजनित आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।

ईकोटेक-1 थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस दोनों ही मामले की विस्तृत जांच में जुटे हैं।


परिवार का टूटता सहारा


घटना की सूचना मिलते ही वंशिका के परिजन भी रात में ही विश्वविद्यालय पहुंच गए थे। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को कानपुर ले जाया गया, जहां परिवार वालों ने नम आंखों से अपनी लाडली को अंतिम विदाई दी।

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