हापुड़ में प्रेम प्रसंग के चलते महिला की दर्दनाक हत्या, दराती से गला रेत कर शव को कूड़े में फेंका गया। जानिए पूरा मामला…
हापुड़ में दिल दहला देने वाला मर्डर मिस्ट्री: प्रेम, पैसों और धोखे का ऐसा खेल, जिसमें जान गंवा बैठी अंजू
सुनील गिरि
हापुड़, उत्तर प्रदेश : एक विधवा महिला, जो दो वक्त की रोटी के लिए दूसरों के घरों में झाड़ू-पोंछा करती थी… एक मिस्त्री, जो अपने प्यार को सब कुछ समझ बैठा… और फिर एक ऐसा अंत, जिसमें मोहब्बत के नाम पर मौत लिखी गई।
हापुड़ के शिवगढ़ी श्मशान घाट के पास दो दिन पहले मिली महिला की अज्ञात लाश ने पूरे इलाके को दहला दिया था। अब इस दिल दहला देने वाली मर्डर मिस्ट्री से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है।
अंजू की दर्दनाक मौत की कहानी
15 अप्रैल 2025 की सुबह पुलिस को श्मशान घाट के पास एक महिला का लहूलुहान शव मिला। शव की हालत देख कर लग रहा था कि किसी ने बड़ी बेरहमी से गला रेत कर हत्या की है। महिला की पहचान अंजू (35 वर्ष) पत्नी स्व. बंटी निवासी मोहल्ला कन्हैयापुरा, हापुड़ नगर के रूप में हुई। अंजू चार साल पहले विधवा हो चुकी थी और दूसरों के घरों में काम करके अपना गुजारा करती थी।
पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही शक की सुई इरशाद नामक युवक पर जाकर रुकी। जब इरशाद को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई, तो उसने जो कहानी सुनाई, उसने सबको अंदर तक झकझोर दिया।
प्यार, धोखा और ब्लैकमेल का डरावना अंजाम
इरशाद ने पुलिस को बताया कि वह टाइल्स फिटिंग का मिस्त्री है और डेढ़ साल पहले उसकी मुलाकात अंजू से हुई थी। दोनों में धीरे-धीरे नज़दीकियां बढ़ीं और संबंध भी बने। इरशाद अंजू की आर्थिक मदद करता रहा, लेकिन पिछले कुछ महीनों से अंजू का व्यवहार बदलने लगा। वह हर समय पैसे मांगती थी, बदतमीजी करती थी और जेल भिजवाने की धमकी देती थी।
इरशाद मानसिक रूप से टूट चुका था। वह खुद की कमाई से अपने परिवार को भी पैसे नहीं दे पा रहा था, लेकिन अंजू के डर से सबकुछ सहता रहा। आखिरकार 14 अप्रैल को उसने वो कर डाला जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
श्मशान घाट बना मौत की पटकथा का मंच
उस दिन इरशाद अपनी बाइक में एक दराती और रसोई वाला चाकू रखकर रामपुर रोड पर स्थित एक पुराने कूड़े के मैदान के पास पहुंचा- वहीं, जहां वो और अंजू पहले भी कई बार मिल चुके थे। बातचीत के दौरान झगड़ा हुआ और इरशाद ने पहले चाकू, फिर दराती से अंजू पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। उसने अंजू की सांसें वहीं हमेशा के लिए रोक दीं और शव को कूड़े के ढेर के पास फेंक दिया।
इसके बाद इरशाद ने हत्या में इस्तेमाल की गई दराती और अंजू का मोबाइल फोन एक नाले में फेंक दिया ताकि सबूत मिट जाएं।
पुलिस की चाक-चौबंद जांच से खुला राज
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने 17 अप्रैल को इरशाद को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त दराती और मृतका का मोबाइल भी बरामद कर लिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
क्या यही था प्यार?
इरशाद की कहानी सुनकर एक सवाल हर किसी के मन में है - क्या यही प्यार है? जहां जरूरतें, अपेक्षाएं और मजबूरी किसी की जान की कीमत बन जाए? अंजू की मौत सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस समाज का आईना है जहां एक अकेली महिला के लिए भरोसे का रिश्ता भी मौत की गारंटी बन सकता है।
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