मुस्तफाबाद में एक छह मंजिला इमारत के गिरने से मातम पसर गया। चार की मौत हो चुकी है, कई अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं। हर सांस के साथ लोग अपनों की सलामती मांग रहे हैं।
दिल्ली में फिर टूटी ज़िंदगी की दीवार: छह मंजिला इमारत गिरी, चार की मौत, कई लापता
नई दिल्ली | विशेष रिपोर्ट
शुक्रवार शाम दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में एक ऐसा हादसा हुआ जिसने न सिर्फ चार जिंदगियों को छीन लिया, बल्कि कई घरों के सपनों को भी मलबे में दबा दिया। एक छह मंजिला इमारत अचानक भरभरा कर जमींदोज हो गई। अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो घायल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
घड़ी की सूई सात बजने के करीब थी, जब अचानक ज़मीन हिली, धूल का बादल उठा और एक भयानक आवाज़ के साथ पूरी इमारत मलबे में बदल गई। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले सब कुछ खत्म हो चुका था।
NDRF और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। हर ईंट हटाने के साथ एक उम्मीद जागती है कि शायद कोई जिंदा मिल जाए।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विनीत कुमार ने बताया कि इमारत में कुछ निर्माण कार्य चल रहा था और अचानक आई तेज आंधी के कारण ये हादसा हुआ। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल और बचावकर्मी तैनात हैं।
डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल के मुताबिक, रात करीब 2:50 बजे सूचना मिली थी कि पूरी इमारत जमींदोज हो चुकी है। तुरंत दर्जनों दमकल और राहत दल मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी महिला की आंखों में आंसू और दिल में दहशत थी। उसने बताया कि उस इमारत में दो भाई अपने परिवारों के साथ रहते थे, जिनमें दोनों की पत्नियां और छह छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं। “बच्चों की चीखें अब भी कानों में गूंज रही हैं,” वह सिसकती हुई बोली।
इलाके में चीख-पुकार और मातम का माहौल है। कोई अपने बच्चे को तलाश रहा है, कोई माँ को पुकार रहा है। लोग दुआओं के सहारे खड़े हैं कि कहीं से कोई चमत्कार हो जाए।
प्रशासन हादसे के कारणों की जांच कर रहा है, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या जानें जाने के बाद कोई कार्रवाई मायने रखती है?
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