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मिल्कीपुर तहसील में लेखपाल 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

अयोध्या के मिल्कीपुर तहसील में लेखपाल वेद प्रकाश वर्मा को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। वायरल वीडियो में गिरफ्तारी का दृश्य साफ दिख रहा है। पूरी खबर पढ़ें।



"विरासत की रिपोर्ट नहीं रिश्वत का रजिस्टर मांग रहा था लेखपाल, 10 हजार लेते रंगे हाथ पकड़ाया,वीडियो हुआ वायरल"

वासुदेव यादव 

अयोध्या।मिल्कीपुर तहसील में विरासत की जमीन तय करनी हो या किसी कागज पर 'हां' लिखवानी हो, कुछ सरकारी कलम ऐसी होती हैं जो 'स्याही' से नहीं, नोटों की गड्डियों से चलती हैं। मिल्कीपुर तहसील के लेखपाल वेद प्रकाश वर्मा भी शायद इसी दर्शन पर चल रहे थे, लेकिन इस बार किस्मत ने पलटी मारी और 'रजिस्टर' की जगह 'रजिस्टर ऑफ क्राइम' में नाम दर्ज हो गया।


प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने की आदत पाले बैठे इस लेखपाल को उस वक्त होश ठिकाने आ गया जब एंटी करप्शन टीम ने उन्हें एक किसान से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धर लिया। और ये कोई गुपचुप ऑपरेशन नहीं था—पूरा तमाशा तहसील परिसर के अंदर लेखपाल संघ भवन के गेट पर हुआ, जहां ‘रुपयों का लेन-देन’ नहीं, ‘ईमान का नाश’ पकड़ा गया। और जैसे ही गिरफ्तारी हुई, वहां मौजूद किसी जागरूक नागरिक ने कैमरा ऑन कर दिया, अब वीडियो वायरल हो रहा है, और पूरी तहसील का मानो चरित्र प्रमाणपत्र सोशल मीडिया पर लटक गया है।


पूरा मामला कीन्हूपुर गांव के एक किसान से जुड़ा है, जिसकी जमीन की विरासत रिपोर्ट लंबे समय से अटकी हुई थी। किसान का आरोप है कि जब तक जेब गरम नहीं की, तब तक रिपोर्ट ठंडी ही रही। हारकर किसान ने एंटी करप्शन टीम को सूचना दी। और फिर क्या था—"ऑपरेशन रिश्वतखोरी" शुरू हुआ, जिसमें लेखपाल बाबू रंगे हाथ 10 हजार लेते पकड़ लिए गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गिरफ्तारी के समय लेखपाल ने थोड़ी ‘एथलेटिक स्पिरिट’ दिखाई और भागने की कोशिश भी की, लेकिन टीम ने मौके पर ही उन्हें ‘डिस्क्वालिफाई’ कर दिया।


गिरफ्तारी के बाद लेखपाल को खींचते हुए बाहर निकाला गया, जैसे किसी चोरी के आरोपी को भीड़ पकड़ लेती है। पूरी तहसील में सनसनी फैल गई, वकीलों से लेकर पान की दुकान वालों तक, सबकी नजरें सिर्फ एक वीडियो पर टिकी रहीं,जिसमें कल तक रौब से घूमने वाला लेखपाल, अब कानून की पकड़ में था।


जब इस मामले में मिल्कीपुर के एसडीएम सुधीर कुमार से प्रतिक्रिया लेनी चाही गई, तो उन्होंने मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला देकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, शायद वो भी वीडियो देख रहे थे! आप भी देखिए 👇



तहसील के गलियारों में ये चर्चा आम हो चुकी है कि "भ्रष्टाचार मिटाने आए सिस्टम को खुद सिस्टम से डर लगने लगा है!"

फिलहाल, एंटी करप्शन की यह कार्रवाई एक बड़ा संदेश दे गई है "अब अगर रिपोर्ट चाहिए, तो रिश्वत नहीं, सिर्फ सच्चाई की मांग होगी।"

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