बदायूं में शादी से चंद घंटे पहले दुल्हन दीक्षा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। हल्दी में मुस्कुराती तस्वीरें अब परिवार की आंखों का साया बन चुकी हैं।
डोली की जगह अर्थी उठी: मुस्कान से मौत तक का सफर चंद घंटों में थम गया
बदायूं, यूपी :जिस घर की छत पर आज बारात का शोर होना था, वहां अब सन्नाटा पसरा है। जिस आंगन में दुल्हन दीक्षा के पांव लगने थे, वहां अब लोग सिर झुकाए शोक में डूबे हैं। नूरपुर पिनौनी गांव की इस 22 वर्षीय लड़की की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है।
रविवार रात की हल्दी, सोमवार सुबह की चिता...
दीक्षा के घर में रविवार को हल्दी की रस्म थी। परिजनों के चेहरे पर खुशी थी, दीक्षा ने भी हल्दी के रंग में पूरी तरह खुद को रंग लिया था। डांस करती, मुस्कराती, कैमरे को पोज देती दीक्षा की तस्वीरें अब उसी परिवार के व्हाट्सऐप स्टेटस की जगह गैलरी की सबसे दर्दनाक याद बन चुकी हैं।
डांस करती-करती अचानक घबराहट, फिर...
रात करीब 12:30 बजे हल्दी की रौनक चल रही थी, तभी दीक्षा को हल्का चक्कर और घबराहट महसूस हुई। उसने कहा कि वह बाथरूम जा रही है। लेकिन काफी देर तक न लौटने पर जब दरवाजा खटखटाया गया और कोई जवाब नहीं मिला, तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ दिया।
जो सामने था, वह किसी ने सोचा नहीं था, दीक्षा ज़मीन पर बेसुध पड़ी थी। नब्ज थम चुकी थी, सांसें रुक चुकी थीं।
हार्ट अटैक ने छीना अरमानों का आंगन
परिजन कुछ समझ पाते, उससे पहले सब कुछ खत्म हो चुका था। बिना किसी गंभीर बीमारी के, एक जवान लड़की का यूं अचानक चले जाना पूरे गांव के लिए रहस्य और सदमे का विषय है। परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे, उन्होंने शव को अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया।
'जिस दिन चूड़ा पहनना था, उस दिन आग की चिता...'
दीक्षा अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी। चार बेटों में सबसे बड़ी दीक्षा की शादी मुरादाबाद के सौरभ नामक युवक से होनी थी। उसने बीए की पढ़ाई की थी और शादी के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखने का सपना था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
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