उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में नकुड़ तहसील में तैनात लेखपाल अनुज प्रताप सिंह को एंटी करप्शन टीम ने 5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
यूपी के सहारनपुर के नकुड़ तहसील में तैनात लेखपाल अनुज प्रताप सिंह को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीड़ित किसान अपनी पुश्तैनी जमीन की ‘वरासत’ दर्ज कराने के लिए कई महीनों से चक्कर काट रहा था, लेकिन लेखपाल ने बिना ‘नजराना’ लिए फाइल को आगे नहीं बढ़ाया। अंततः थक हार कर किसान ने साहस दिखाया और भ्रष्टाचार निवारण संगठन से संपर्क किया।
10 हजार की डील, लेकिन 5 हजार में फंसे लेखपाल
शिकायतकर्ता ने बताया कि लेखपाल अनुज प्रताप सिंह ने साफ तौर पर कहा कि काम के लिए रुपए लगते है, उन्होंने वारदात की कीमत दस हजार रूपए बताई। तब किसान ने लेखपाल से बड़ी रकम का हवाला देते हुए रुपए कम करने की बात कही, लेकिन लेखपाल जरा भी नहीं पसीजा, काफी मनुहार के बाद दो किस्तों में रिश्वत लेने के लिए राजी हो गया। किसान ने 5,000 रुपए की पहली किश्त लेकर जैसे ही लेखपाल को दी, पहले से तैयार एंटी करप्शन टीम ने उसे उसी समय रंगेहाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई लेखपाल के ही कार्यालय में की गई, जिससे तहसील में हड़कंप मच गया।
थाने में दर्ज हुआ मुकदमा, जांच जारी
लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद उसे थाना नकुड़ ले जाया गया, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच एजेंसी ने कहा है कि पूरे मामले की गहराई से पड़ताल की जाएगी, जिससे यह पता चल सके कि कहीं यह एक बड़ी रिश्वतखोरी चेन का हिस्सा तो नहीं है।
तहसील परिसर में सन्नाटा
लेखपाल की गिरफ्तारी की सूचना से नकुड़ तहसील परिसर में खलबली मच गई। वही ग्रामीणों में चर्चा है कि ये पहली बार नहीं है, बहुत से लोग वर्षों से इसी तरह फंसे हुए हैं लेकिन लेखपाल के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते। कई किसानों ने तो यहां तक कहा कि डिजिटल क्रांति होने बाद भी "बिना पैसा दिए यहां कोई काम नहीं होता है।"
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