गोंडा के मेडिसिन हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा, प्रसूता की मौत के मामले में कार्रवाई, सफाई कर्मचारी से करवाया नार्मल प्रसव, प्रसूता की मौत।
उत्तर प्रदेश के गोंडा में हैरान करने वाला मामला देखने को मिला है, जगह-जगह पर कुकुरमुत्ता की तरह खुले अस्पताल में रुपए कमाने के लिए लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। आए दिन जिले में संचालित निजी अस्पतालों में ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है, जिससे लोग हैरान रह जाते हैं। ऐसे ही एक मामले में अस्पताल में सफाई कर्मी से प्रसव करवा दिया गया, जिससे प्रसूता की मौत हो गई। मामले में पति ने अस्पताल संचालक सहित पूरे स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नगर कोतवाली क्षेत्र में संचालित मेडिसिन हॉस्पिटल के संचालक, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मचारी के खिलाफ मृतका के पति के शिकायत पत्र पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
जाने पूरा मामला
दरअसल नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत केशवपुर पहड़वा थाना गांव के रहने वाले सूरज पुत्र राजेंद्र अपनी पत्नी तारा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर 25 जून को जिले में संचालित मेडिसिन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां अस्पताल प्रशासन के घोर लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गई थी। मामले में परिजनों ने शिकायती पत्र देते हुए आरोपी अस्पताल स्टाफ व संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
प्रतिष्ठित डॉक्टर से इलाज का आश्वासन
पीड़ित पति सूरज का आरोप है कि अस्पताल संचालक ने उसके साथ छल करते हुए बड़ी लापरवाही की है, जब वह अपनी पत्नी तारा देवी को लेकर आईटीआई चौराहे के पास संचालित मेडिसिन हॉस्पिटल पहुंचा था, तो संचालक से बात करते हुए कहा था कि नॉर्मल या ऑपरेशन जिससे भी सम्भव हो वरिष्ठ चिकित्सकों से प्रसव कराया जाए, तब अस्पताल संचालक ने जिले के सीनियर चिकित्सकों का नाम लेते हुए कहा कि इन तीन चार चिकित्सकों में किसी एक के मौजूदगी में प्रसव कराया जाएगा।
डॉक्टर के नाम का मिला झांसा स्वीपर ने कराया प्रसव
पीड़ित पति का आरोप है कि प्रसव के दौरान अस्पताल संचालक के द्वारा बताए गए चिकित्सकों में कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं था, अस्पताल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ व सफाई कर्मचारी ने नॉर्मल डिलीवरी करवा दी। जिससे प्रसूता की हालत बिगड़ गई। लेकिन अस्पताल प्रशासन से जच्चा बच्चा के बारे में बार-बार पूछने पर सिर्फ यही कहा गया कि दोनों ठीक है। लेकिन इस दौरान अस्पताल के लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गई।
बोले इंस्पेक्टर
मामले में कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मुकदमा दर्ज करके निरीक्षक सभाजीत सिंह के द्वारा जांच प्रचलित है।
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