सुनील गिरी
त्रेता युग के श्रवण कुमार की कहानी तो लगभग आप सभी ने एक बार अवश्य सुनी होगी, उसी कहानी को इस कलयुग में दोहराते दो चचेरे भाई नजर आ रहे हैं। जनपद बुलंदशहर के सिकंदराबाद शहर के मुकुंद गढ़ी गांव के रहने वाले सनी व उसका चचेरा भाई नीरज अपनी 90 साल से ऊपर की दादी को कावड़ में बिठाकर तीर्थ यात्रा कराते हुए अपने गांव मुकुंद गढ़ी के लिए निकले हैं।
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आपको बता दें कि सनी उसके चचेरे भाई नीरज ने 7 जुलाई को हरिद्वार की हर की पेडी से कांवर उठाई थी, जिसमें उन्होंने अपनी दादी के वजन के बराबर एक तरफ गंगाजल तो दूसर तरफ अपनी दादी रूमाली देवी को बिठाया था। 10 दिन की इस यात्रा में आज इनकी ये कावण हापुड़ जनपद में पहुंच गई हैं, जहां इनकी कावड़ को देखकर हर तरफ इन दोनों चचेरे भाइयों की तारीफ हो रही है। हापुड़ के हाफिजपुर पुलिस ने भी इन सभी को फल वितरित किये, जिसके बाद जब क्राइम जंक्शन ने दोनों भाई व उनकी दादी से बात की तो उनकी दादी ज्यादा अधिक बोलने में तो सक्षम नहीं थी, लेकिन अपने पोतों को कहीं ना कहीं अपने दिल से आशीर्वाद जरूर दे रही थी। वही उनके पोते सनी व नीरज ने बताया कि हम दोनों चचेरे भाइयों ने अपनी बुजुर्ग दादी को तीर्थ यात्रा कराने की सोची थी, जिन्हें हम हरिद्वार में गंगा स्नान व मंदिरों में दर्शन कराने के बाद अपनी कावड़ में एक तरफ बिठाकर अपने गांव मुकुंद गढ़ी शहर सिकंदराबाद जिला बुलंदशहर के लिए चल रहे हैं। पिछले 10 दिन में लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा हम लोगों ने पूरी की है। 23 जुलाई को महाशिवरात्रि का पर्व है, जहां अपने गांव पहुंचकर हम भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर उनको प्रसन्न करने का काम करेंगे।
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