कथावाचक अनिरुद्धाचार्य पर कार्यवाही, महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी, महिलाओं पर कमेंट, अनिरुद्ध आचार्य का वक्तव्य, अपने ही बातों में फंस गए अनिरुद्धाचार्य।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के वक्तव्य ने बवाल मचा दिया है, वह अपने कथा के दौरान महिलाओं पर कहे गए शब्दों को लेकर बुरी तरह से फंस गए हैं। अब महिला आयोग की भृकुटी उन पर टेढ़ी हो गई है। ऐसे में कथा वाचक पर महिला आयोग के कार्रवाई की तलवार लटक सकती है।
बता दे कि, सोशल मीडिया पर अपनी कथाओं के जरिए बहुत ही कम समय में अच्छी ख्याति बटोरने वाले अनिरुद्धाचार्य अपने ही बातों में इस कदर फस गए हैं कि जिसके लिए महिला आयोग के कार्यवाही की तलवार लटकने वाली है। अनिरुद्धाचार्य का वक्तव्य सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तूल पकड़ चुका है।
क्या था मामला
दरअसल, कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य ने उपस्थित श्रद्धालुओं के सामने कथा के दौरान महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि 25 वर्ष की उम्र तक की महिलाएं तीन-चार बार ऐसा वैसा कर चुकी होते हैं, जिसको लेकर महिलाओं में खास नाराजगी फैल गई। सबसे गजब बात यह रही कि अनिरुद्धाचार्य के पास मौजूद होने वाले श्रद्धालुओं में सबसे ज्यादा महिलाओं की संख्या पाई जाती है। ऐसे में महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणी करना कथावाचक को महंगा पड़ सकता है।
राज्य महिला आयोग सख्त
अनिरुद्धाचार्य के वायरल हुए वीडियो को संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के महिला राज्य आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के टिप्पणी का घोर विरोध करती हूं। कथावाचक ने महिलाओं और बेटियों को लेकर जो इतनी हल्की बात की है, इससे ज्यादा गंदी और घटिया भाषा का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। व्यास पीठ पर बैठकर ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, वह भी तब जब इनको सुनने वाले फॉलोअर्स और श्रद्धालुओं में 80 फीसदी महिलाएं होती हैं।
अनिरुद्धचार्य के विवेक पर तीखी टिप्पणी
आयोग की अध्यक्षा ने कहा कि या तो कथावाचक के बुद्धि नहीं है, यह कम उम्र में यह इतनी शोहरत मिल गई कि अब उसका सदुपयोग नहीं कर पा रहे हैं। “विनाश काले विपरीत बुद्धि” । वीडियो में राज्य महिला आयोग अध्यक्ष बबीता चौहान 👇
कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी
महिला आयोग की अध्यक्षा ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य के वक्तव्य को संज्ञान में लेते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। माफी मांगना कोई सॉल्यूशन नहीं है, ऐसे कथावाचक अगर ऐसी गलती करेंगे तो कैसे काम चलेगा।
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