बुलंदशहर के जहांगीराबाद में युवक के हत्या का खुलासा, ताऊ ने जमीन हड़पने के लिए की थी अनाथ भतीजे की हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार, तमंचा कारतूस बाइक बरामद।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में युवक के खौफनाक हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक के ताऊ सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो अवैध तमंचा, कारतूस और दो मोटरसाइकिल बरामद किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार को बुलंदशहर के जहांगीराबाद पुलिस ने युवक के हत्या का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना कर दिया है। भतीजे की हत्या के लिए, हत्या के आरोप में जेल काटकर लौटे ताऊ ने खौफनाक साजिश रच कर सुपारी दी थी।
क्या है पूरा मामला
बता दे कि 7 अगस्त को जहांगीराबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत शेखूपुर रौरा गांव के रहने वाले दुष्यंत पुत्र हरिराज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव थाना क्षेत्र अंतर्गत चादोंक के जंगल के पास खेत में मिला था। मामले में कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ उप निरीक्षक शीशपाल सिंह ने अज्ञात हत्या आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
एक लाख की सुपारी
मामले में गहराई से छानबीन करते हुए पुलिस ने दुष्यंत के हत्या में शामिल ताऊ को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ किया, जिससे पता चला कि दुष्यंत के ताऊ ने एक लाख रुपए कांटेक्ट देकर दो युवकों से दुष्यंत की हत्या करवाई थी। जिसके लिए 40 हजार रुपए एडवांस मनी के रूप में भी दिया था। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मानकरौरा तालाब के पास से दोनों शूटर रंजीत और नितिन को भी गिरफ्तार कर लिया।
खून के रिश्ते में खून ही खून
पुलिस के पूछताछ में हैरानी भरे तथ्य सामने आए हैं। खून के रिश्तों में प्यार और सम्मान नहीं बल्कि कातिलाना हमले और खून के बदले खून नजर आए। दरअसल, ताऊ बलराज दुष्यंत का मौसा भी था, बलराज के भाई हरीराज ने सगी बहनों से विवाह किया था।
हरीराज की हत्या के बाद सरिता की हत्या
पुलिस के पूछताछ में बलराज ने बताया कि वर्षों पूर्व दुष्यंत की मां ने उसके भाई हरिराज की हत्या कर दी थी। जिसका बदला लेने के लिए उसने वर्ष 2006 में दुष्यंत की मां सरिता की हत्या कर दी थी। जिसके कारण वह जेल में बंद था।
अनाथ था दुष्यंत
हरीराज और सरिता का दुष्यंत इकलौता बेटा था। बचपन में पिता के बाद वर्ष 2006 में मां की हत्या हो जाने पर दुष्यंत अनाथ हो गया था, माता-पिता के स्वर्गवासी होने के बाद वह अपने ताऊ बलराज के साथ बचपन से रहता था।
जमीन का आया लालच
ताऊ बलराज के पिता इंदल सिंह की जमीन भाई हरीराज और बलराज के नाम दर्ज थी, हरीराज के हिस्से की जमीन का वारिश दुष्यंत था। लेकिन दुष्यंत के खत्म हो जाने के बाद वह जमीन बलराज के नाम हो जाती। इसी लालच में आकर बलराज ने भाई के इकलौती संतान को खत्म करने के लिए सुपारी दे दिया था। दुष्यंत की हत्या करने के लिए नितिन व रंजीत ने एक लाख रुपए में 40 हजार रुपए एडवांस के रूप में भी लिया था।
बोले इंस्पेक्टर
जहांगीराबाद थाना प्रभारी रामफल सिंह ने बताया कि जमीन हड़पने की नीयत से ताऊ ने भतीजे की हत्या करवाई थी। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना किया गया है।
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