गोंडा के देहात कोतवाली पुलिस में ग्राम प्रधान सहित 14 के खिलाफ मुकदमा, मृतक के शव को चलते एंबुलेंस से अपमान पूर्वक स्ट्रेचर सहित गिराने के मामले में करवाई, 14 नामजद सहित 15- 20 अज्ञात के द्वारा परिजनों को उकसाने का आरोप।
कृष्ण मोहन
उत्तर प्रदेश के गोंडा पुलिस ने मृतक के शव के साथ अमानवीय व्यवहार करने के प्रकरण में कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान और उनके भाई समेत 14 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने दर्ज किए गए मुकदमे में अज्ञात 15 से 20 महिला और पुरुषों को भी आरोपी बनाया है। ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से खलबली मची हुई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार को देहात कोतवाली पुलिस ने बालपुर जाट में हाइवे पर अराजकता फैलाने वाले लोगों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है। जिससे लक्ष्मणपुर जाट गांव में हड़कम मचा हुआ है।
क्या है पूरा मामला
बता दे कि 4 अगस्त को देहात कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत गोंडा लखनऊ हाईवे स्थित बालपुर जाट में चलते हुए एंबुलेंस से मृतक हृदय लाल का शव सड़क पर स्ट्रेचर सहित अपमान पूर्वक गिरा करके रोड जाम करने का प्रयास किया गया था। लेकिन, रोड पर उपद्रव के करने के आशंका में पुलिस पहले ही मौजूद हो गई थी। जहां पर मृतक हृदय लाल का शव चलते हुए एंबुलेंस से गिराने के बाद सड़क पर बवाल काटा था। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ग्राम प्रधान और उनके भाई समेत 14 लोगों के 10 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
कैसे हुई थी मौत
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 1 अगस्त को देहात कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत लक्ष्मणपुर जाट गांव के रहने वाले हृदय लाल का महज कुछ रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था। जिसमें विपक्षियों ने हृदय लाल को पीट दिया था। गंभीर दशा में उसे जिला मुख्यालय से लखनऊ रेफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान 4 अगस्त को हृदय लाल की मृत्यु हो गई। लखनऊ से पोस्टमार्टम के उपरांत मृतक के घर शव लाने के दौरान हाईवे जाम करके प्रदर्शन करने के उद्देश्य से शव गिराया गया।
उप निरीक्षक ने दर्ज कराया मुकदमा
देहात कोतवाली पुलिस में उपनिरीक्षक आत्मा सिंह ने गांव के रहने वाले ग्राम प्रधान सहित 14 लोगों को आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। उप निरीक्षक का आरोप है कि परिजनों और ग्रामीणों को हाईवे से समझा बुझा करके वापस भेजा जा रहा था। इस दौरान वहां पर मौजूद घर वालों ने रोड जाम करने के उद्देश्य से शव को चलते हुए एंबुलेंस से सड़क पर गिरा दिया। दरअसल, उप निरीक्षक के मुताबिक शव आने पर एंबुलेंस के साथ उप निरीक्षक संजीत सिंह मौजूद थे। उन्होंने मृतक के परिजनों को शव गांव ले जाने के लिए कहा था, लेकिन सड़क को जाम करने के उद्देश्य से शव का अपमान करते हुए चलते एंबुलेंस से स्ट्रेचर सहित गिरा दिया गया। जिसका पूरा वीडियो उपलब्ध है। जिसे आप भी देख सकते हैं 👇।
गांव के 14 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा
पुलिस ने परिजनों को उकसाने के आरोप में ग्राम प्रधान बिन्देश्वरी पाल व उसके भाई पूजाराम पाल, राजकुमार मौर्या पुत्र राम सनेही, राजन यादव पुत्र राम लखन, हरीश चौहान पुत्र रामधन, सूबेदार पुत्र रमेश,. निसार पुत्र अयूब, शेषनाथ पुत्र शोभाराम, शिव शंकर पुत्र बंशीलाल, भानू प्रकाश कोहली पुत्र मंशाराम, शव के साथ मौजूद शंभू पुत्र गणेश, गंगा प्रसाद पुत्र गुलाचीन, राजू पुत्र रमेश, लाल साहब पुत्र राघवराम सहित 15 से 20 अज्ञात महिला और पुरुष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
लगे गंभीर आरोप
शिकायत पत्र में उप निरीक्षक ने अपमान पूर्वक शव गिराने, नेशनल हाईवे पर शव रखकर रोड जाम करने का प्रयास, पुलिस बल तथा जाम में फंसे लोगों पर ईट पत्थर चलाने से नेशनल हाईवे पर जाम लगने, जाम में एम्बुलेंस के फंसने से अस्पताल जा रहे मरीजों की जान जोखिम में आने, अराजकता फैलाते हुए शांति भंग करने सहित विभिन्न 10 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
बोले एसपी
मामले में गोंडा पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अराजकता फैलाने वाले और परिजनों को उकसाने वालों को चिन्हित कर लिया गया है। मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। कार्रवाई की जा रही है।
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