गोंडा नगर कोतवाली में न्यायालय के आदेश पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत 8 के खिलाफ मुकदमा, फर्जी नियुक्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई, विभिन्न विद्यालय में फर्जी नियुक्ति के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट।
कृष्ण मोहन
उत्तर प्रदेश के गोंडा में न्यायालय के आदेश पर बीएसए समेत आठ के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। जिससे शिक्षा महकमे हड़कंप मच गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग में हुए गड़बड़ झाले के बाबत विद्यालय प्रबंधक समेत 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें फर्जी नियुक्ति के बदौलत करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, न्यायालय के आदेश पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार पाण्डेय ने बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न पदों पर तैनात अधिकारियों को आरोपी बनाया है। जिसमें कहा है कि शिक्षा विभाग में एक गिरोह है जो सिंडिकेट की तरह कार्य करता है। विभाग में सिंडिकेट के रूप में कार्य करने वाले आरोपी युवाओं का डाटा लीक कर विभिन्न विद्यालयों में उनका दुरुपयोग करते हैं। विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति करके करोड़ों का वारा न्यारा किया जाता है।
अनामिका शुक्ला बड़ा उदाहरण
शिकायती पत्र में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारियों के कारनामों को उजागर करते हुए कहा है कि अनामिका शुक्ला ऐसा ही एक प्रकरण है, जिसमें शैक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी नियुक्तियां की गई।
जब बीएसए कार्यालय पहुंची असली अनामिका
शिकायतकर्ता के मुताबिक मामला खबर की सुर्खियों में आने के बाद असली अनामिका शुक्ला बीएसए कार्यालय पहुंची थी, उसने खुद को बेरोजगार बताते हुए कहा था कि असली अनामिका शुक्ला मैं हूं, वर्ष 2017 में बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में अध्यापन कार्य के लिए आवेदन किया था। मामले में असली अनामिका शुक्ला के शिकायती पत्र पर मुकदमा दर्ज हुआ और कई लोग जेल गए हैं।
जांच में खुद को फसते देख अनामिका शुक्ला की कर दी नियुक्ति
शिकायतकर्ता का दावा है कि अनामिका शुक्ला ने जांच के दौरान बयान दिया कि उसने शिक्षा विभाग में कहीं नौकरी नहीं की है। जांच के दौरान पता चला कि जिस अनामिका शुक्ला के नाम से मुकदमा लिखाया गया है, वह पीडिता नहीं बल्कि आरोपी है। मामला तूल पकड़ते ही बेसिक शिक्षा विभाग के सिन्डीकेट मेम्बर्स सक्रिय हो गए। अनामिका शुक्ला की तैनाती तरबगंज के रामपुर टेंगरहा में संचालित सहायता प्राप्त विद्यलय भैया चन्द्रभान दत्त स्मारक विद्यालय के प्राईमरी अनुभाग में सहायक अध्यापक के तौर पर पूर्व की भाँति नियुक्ति की गई।
घोटाले में हुआ घोटाला
वर्ष 2020 के 12 जून को सोशल मीडिया के जरिए शिकायतकर्ता को एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसके अनुसार अनामिका शुक्ला भैया चन्द्रभान दत्त स्मारक विद्यालय में वर्ष 2017 से कार्यरत रहते हुए सरकारी वेतन ले रही थी। ऐसे में शिकायतकर्ता ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि निश्चित तौर पर अनामिका शुक्ला वर्ष 2017 से ही सरकारी वेतन प्राप्त कर रही थी, लेकिन उसकी पुनः उसी विद्यालय में अस्थाई पर नियुक्ति क्यों की गई?
वित्त एवं लेखाधिकारी
वर्ष 2025 के 9 जनवरी को अनामिका शुक्ला के खाते में विभाग ने तनख्वाह भेजी, शिकायतकर्ता के मुताबिक उक्त प्रकरण में लेखा अधिकारी का कहना है कि सैलरी संशोधन पत्र अगस्त 2024 को मिलने वाले वेतन के आधार पर निर्गत किया गया है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि अनामिका शुक्ला को पूर्व से ही वेतन दिया जा रहा था।
जांच में गड़बड़ झाला
मामले के जांच में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पाया कि वेतन भुगतान के लिए कोई भी बिल या प्रस्ताव वित्त एवं लेखाधिकारी को नहीं दिया गया है, विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों का वेतन संशोधन मई 2024 तक विद्यालय से नहीं भेजा जाता था। वित्त लेखाधिकारी ने वेतन संसोधन निकाल कर सीधे अध्यापकों के खाते में भेज दिया जाता था। यदि अनामिका शुक्ला का नाम बढ़ा कर वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय द्वारा वेतन भुगतान पूर्व अथवा पश्चात किया गया है तो उसके संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग को कोई जानकारी नहीं है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
गोंडा बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी, पटल लिपिक सुधीर सिंह, वित्त एवं लेखा अधिकारी अनुपम पाण्डेय, रामपुर टेंगरहा में संचालित भैया चन्द्रभान दत्त स्मारक विद्यालय प्रबंधक दिग्विजय नाथ पांडे व प्रधानाचार्य, अनामिका शुक्ला और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बोले एएसपी
मामले में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर अनुपम पांडे एवं अनामिका शुक्ला सहित कुल 7 नामजद के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी दस्तावेजों का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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