अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एमएलके पीजी कॉलेज में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा मंगलवार को नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
5 अगस्त को महाविद्यालय प्राचार्य प्रो जेपी पाण्डेय के निर्देशानुसार तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमाधिकारी डाॅ रमेश कुमार ( सरोजनी नायडू ईकाई), डाॅ आनामिका सिंह ( कल्पना चावला ईकाई) तथा डाॅ जितेन्द्र कुमार ( डाॅ कलाम ईकाई) के नेतृत्व मे नशा मुक्त युवा विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय सभागार मे किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण तथा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व सरस्वती बंदना के साथ किया गया ।
मंगलाचरण तथा सरस्वती वंदना राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक तथा स्वयं सेविकाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम के प्रारंभ मे राष्ट्रीय सेवा योजना के सरोजनी नायडू ईकाई के कार्यक्रमाधिकारी डाॅ श रमेश शुक्ल ने अपने सम्बोधन मे कार्यक्रम मे उपस्थित छात्र छात्राओ तथा स्वयंसेवक स्वयंसेविकाओं को नशा मुक्त युवा एवं विकसित भारत विषय पर अपने विचार संक्षेप मे व्यक्त किया । डाॅ शुक्ल ने महात्मा गांधी की आत्मकथा के कुछ अंश को छात्र छात्राओं के समक्ष पढ़ा । महात्मा गांधी ने कहा था कि नशा से मानव शरीर और आत्मा दोनो का नाश होता है । डाॅ शुक्ल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे असहयोग आंदोलन तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन मे नशा मुक्ति के लिए चलाए गए कार्यक्रमो की जानकारी संक्षेप मे छात्र छात्राओ को दी । उन्होने छात्र छात्राओं से कहा कि वे समाज मे इस विषय से संबंधित जागरूकता का प्रचार करें । प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि भारतीय चिन्तन के मूल मे आध्यात्म है । उन्होने छात्र छात्राओं से कहा कि वे विवेकानंद साहित्य का अध्ययन करे तथ इससे प्रेरणा ग्रहण करे । कार्यक्रमाधिकारी डाॅ अनामिका सिंह तथा डाॅ जितेन्द्र भट्ट ने अपने सम्बोधन मे कहा कि नशा मुक्त युवा ही एक विकसित समाज का निर्माण कर सकता है । कार्यक्रम मे महाविद्यालय के शिक्षक डाॅ सुनील कुमार मिश्र, डाॅ ए के दीक्षित, डाॅ अभय नाथ ठाकुर, सिद्धार्थ मोहंता सहित अन्य कई लोग उपस्थित थे । स्वयंसेवक तथा स्वयंसेविकाओं मे विजय कुमार, गिरीजा, शिवम सहित अनेको छात्र छात्राएं उपस्थित रहे ।कार्यक्रम के अन्त मे प्राचार्य द्वारा नशा मुक्त भारत के लिए छात्र छात्राओं को शपथ दिलाया गया । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ ।
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